हज़रत अबु ज़र गफ्फारी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, तेरा अपने भाई के सामने मुस्कुरा देना सदक़ा है,भलाई का हुक्म देना सदक़ा है, और बुराई से रोक देना सदक़ा है, किसी राह भटके को राह देखाना तेरे लिए सदक़ा है। (तिर्मिज़ी)
हज़रत अबु ज़र गफ्फारी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, तेरा अपने भाई के सामने मुस्कुरा देना सदक़ा है,भलाई का हुक्म देना सदक़ा है, और बुराई से रोक देना सदक़ा है, किसी राह भटके को राह देखाना तेरे लिए सदक़ा है। (तिर्मिज़ी)