नई दिल्ली ।4 फरवरी: शाही इमाम-ए-शाही मस्जिद फ़तह पूरी दिल्ली मुफ़्ती मुहम्मद मुकर्रम अहमद ने आज ख़िताब करते हुए फ़रमाया कि मुस्लमानों को ईद मीलाद-उन्नबी सिल्ली अल्लाह अलैहि वालही वसल्लम शान-ओ-शौकत और मज़हबी अक़ीदत के साथ मनानी चाआई। शाही मस्जिद फ़तह पूरी में ईद मीलाद-उन्नबी ई का जलसा 4 फरवरी 2012-ए-हफ़्ता को बाद नमाज़ इशा मुनाक़िद होगा, जिस की सरपरस्ती जनाब शाही इमाम करेंगी।
शाही इमाम साहिब ने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत और वज़ीर-ए-आज़म से हमारी अपील हीका आईन की दफ़ा 341 में मुस्लमानों को शामिल किया जाई। 1950ए- में सदर जमहूरीया के एक आर्डर के ज़रीया इस से मुस्लमानों को बाहर करदिया गया है ये सरासर नाइंसाफ़ी ही। नैशनल अक़ल्लीयती कमीशन के चेयरमैन वजाहत हबीबउल्लाह की कोशिश काबिल-ए-तारीफ़ हैं। अगर हिन्दु, सिखों और बौद्धों के साथ मुस्लमानों को इस दफ़ा में शामिल करलिया जाय तो फिर अलग से रिज़र्वेशन देने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। शाही इमाम साहिब ने कहा कि बंगला देशी मुसन्निफ़ा तस्लीमा नसरीन का हिंदूस्तान में क़ियाम एक मसला बना हुआ ही।
कलकत्ता में इस की एक किताब का इजरा होने पर बदअमनी और नुक़्स अमन की फ़िज़ा-ए-होगई थी। हुकूमत इसे मुल्क बदर करे और ये हुक्म दे कि हिंदूस्तान में अपनी कारगुज़ारों को बंद करी। शाही इमाम साहिब ने कहा कि सुना जा रहा हीका स्वामी वो यक्का नंद ट्रस्ट कलकलता अपने फ़ंड से शाही मस्जिद फ़तह पूरी की मुरम्मत का काम पूरा करने केलिए 6 करोड़ रुपय देदिया ही। हिन्दी और अंग्रेज़ी अख़बारों में ये ख़बर शाय हुई है मुस्लमानों ये मंज़ूर नहीं ही