मुस्लमानों की बहबूद के लिए हुकूमत की मुतअद्दिद स्कीमात

नई दिल्ली ३० दिसम्बर: (पी टी आई) सच्चर कमेटी सिफ़ारिशात को नजरअंदाज़ करदेने के इद्दिआ जात को मुस्तर्द करते हुए वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने आज कहाकि उन की हुकूमत ने मुस्लमानों की बहबूद के लिए कई स्कीमात शुरू किए हैं।

ये स्कीमात सच्चर कमेटी सिफ़ारिशात की बुनियाद पर शुरू किए गए जिन के बेहतरीन नताइज दिखाई दे रहे हैं। दलितों और अक़ल्लीयतों की कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने कहाकि में अक्सर लोगों को ये कहते हुए सुनता हूँ कि हुकूमत, सच्चर कमेटी सिफ़ारिशात पर अमल आवरी नहीं कर रही है।

इस सिलसिला में ये कहना चाहता हूँ कि ये सच नहीं है। हुकूमत ने सच्चर कमेटी सिफ़ारिशात पर ही कई स्कीमात शुरू किए हैं और असकीमात पर अमल आवरी भी होरही है जिस के नतीजा में अक़ल्लीयतों की सूरत-ए-हाल में तबदीली आ रही है। सरकारी मुलाज़मतों, सैक्योरिटी फोर्सेस और बैंक ख़िदमात में मुस्लमानों को मुलाज़मतों की फ़राहमी में इज़ाफ़ा हुआ है।

इस तरह के तबक़ात में कर्ज़ों की फ़राहमी को भी अव्वलीन तर्जीह दी जा रही है। तरजीही शोबा में इन तबक़ात के लिए क़र्ज़ा जात की शरह गुज़श्ता चार साल में 9 फ़ीसद से बढ़ाकर 15 फ़ीसद किया गया ही। वज़ीर-ए-आज़म ने अक़ल्लीयतों और कमज़ोर तबक़ात की बहबूद के लिए अपनी हुकूमत की जानिब से शुरू करदा मुतअद्दिद असकीमात की फ़हरिस्त पेश की।

एससी एसटी तबक़ात से ताल्लुक़ रखने वाले सनअतकारों की सताइश करते हुए वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने कहाकि हुकूमत ने रियासत की जानिब से दी जाने वाली रियायतों में उन्हें तर्जीह दी गई है। उन्हों ने कान्फ़्रैंस के शुरका से कहाकि वो हुकूमत के कारनामों को रोशनास कराईं और मुख़्तलिफ़ शोबों में कमज़ोर तबक़ात की कामयाबीयों की भी तशहीर करें ताकि नई नसल में क़ौम की तरक़्क़ी में तआवुन करने का जज़बा पैदा हो सके।

वज़ीर-ए-आज़म ने कहाकि हाल ही में हुकूमत ने हैंडलूम शोबा के लिए क़र्ज़ बराए बाफ़िंदा स्कीम के तहत 3884 करोड़ रुपये का ऐलान किया है। ऐसे हैंडलूम शोबों में जहां अक़ल्लीयतों और दर्ज फ़हरिस्त ज़ातों
से ताल्लुक़ रखने वाले अफ़राद बाफ़िंदों की तादाद ज़्यादा है वहां स्कीम के तहत रक़ूमात दिए जा रहे हैं। उन्हों ने कहाकि इस मआशी पैकेज से 3 लाख अफ़राद ही बाफ़िंदों और 15000 कवापरीटीव सोसाइटीज़ को फ़ायदा पहूंचने की तवक़्क़ो है।

इस के इलावा हुकूमत ने बाफ़िंदों के लिए अलैहदा पैकेज का भी ऐलान किया है जिस में 12 वें पंच साला मंसूबा में 2362 करोड़ रुपय के मसारिफ़ आयेंगी । वज़ीर-ए-आज़म ने कहाकि हुकूमत ने ओ बी सीज़ के 27 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात में से अक़ल्लीयतों के लिए 4.5 फ़ीसद ज़िमनी तहफ़्फुज़ात फ़राहम किए हैं। हमें तवक़्क़ो है कि इन कोशिशों से समाजी मआशी तौर पर कमज़ोर तबक़ात की हालत बेहतर होगी।

उन्हों ने बताया कि मुस्लमानों के साथ अक़ल्लीयतों के तलबा के लिए सालाना 40 लाख रुपय की स्कालरशिप दी जा रही है। अक़ल्लीयती अक्सरीयती वाले 90 अज़ला के लिए हमा शोबा जाती तरक़्क़ीयाती प्रोग्राम शुरू किए गए हैं जो यू पी ए हुकूमत के दो अहम इक़दामात हैं।

कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए एल जे पी सदर राम विलास पासवान ने ख़ानगी शोबा की मुलाज़मतों और अदलिया में भी तहफ़्फुज़ात का मुतालिबा किया। समाज के कमज़ोर तबक़ात के लिए तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने केलिए एक अलैहदा इंडियन जोडीशील सरविस शुरू करने का मुतालिबा किया। पासवान ने वज़ीर-ए-आज़म से इज़हार-ए-तशक्कुर किया कि उन्हों ने लोक पाल बिल में अक़ल्लीयती कोटा को शामिल किया।