नलगनडा /24 नवंबर ( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़ ) अक़ल्लीयतें बिलख़सूस मुस्लमान अपने हुक़ूक़ के हुसूल और अपने मसाइल की यकसूई केलिए जद्द-ओ-जहद करने की ज़रूरत है । हुकूमतें मुस्लमानों की तमाम शोबों में पसमांदगी को दूर करने के इक़दामात करे बसूरत-ए-दीगर मुस्लमान भी हुकूमत की ताईद से मुताल्लिक़ ग़ौर करने का रियास्ती सदर जमईयत अलालमा-ए-हिंद-ओ-रुकन क़ानूनसाज़ कौंसल जनाब हाफ़िज़ पैर शब्बीर अहमद ने अपने दौरे नलगनडा के मौक़ा पर सहाफ़ती कान्फ़्रैंस को मुख़ातब करते हुए इंतिबाह दिया । उन्हों ने बताया कि मुस्लमानों की पसमांदगी को दूर करने के इक़दामात और दीगर मसाइल से हुकूमतों को वाक़िफ़ करवाने केलिए यक्म जनवरी को सुबाई इजलास और जल्सा-ए-आम का हैदराबाद में इनइक़ाद अमल में लाया जा रहा ही। रुकन क़ानूनसाज़ कौंसल ने बताया कि मुल्क भर में मुस्लमान सतह ग़ुर्बत से निचली ज़िंदगी गुज़ारने पर मजबूर हैं । उन की पसमांदगी को दूर करने केलिए तमाम शोबों में आबादी के तनासुब से 15 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने के साथ साथ मर्कज़ी-ओ-रियास्ती बजट में मुकम्मल बजट का 15 फ़ीसद हिस्सा मुख़तस करे और रियासत में एक लाख 60 हज़ार अकऱ् वक़्फ़ अराज़ी पर नाजायज़ तौर पर क़ब्ज़ों को फ़ौरी बरख़ास्त करवाते हुए अराज़ी का तहफ़्फ़ुज़ और इस से हासिल होने वाली आमदनी को मुस्लमानों की फ़लाह-ओ-बहबूद पर ख़र्च करने पर ज़ोर दिया और ज़िलई सतह पर वाक़्य वक़्फ़ अराज़ियों से हासिल होने वाली आमदनी को ज़िलई सतह पर ही मुस्लमानों की फ़लाह-ओ-बहबूद पर ही मुख़तस करें ताकि ज़िलई-ओ-मंडल सतह में भी मुस्लमानों की मआशी बदहाली दूर होसके । सदर जमईयत अलालमा-ए-हिंद शाख़ आंधरा प्रदेश ने कहा कि मुल़्क बिलख़सूस रियासत में ग़ैर ज़रूरी-ओ-बेबुनियाद इल्ज़ामात के तहत मुस्लिम नौजवानों को पुलिस ने गिरफ़्तार करते हुए अज़ीयतें पहूँचा रही है । इस की रोक थाम के इक़दामात नागुज़ीर होगए हैं । इस ख़सूस में जमईयत अलालमा-ए-का एक वफ़द बरसर-ए-इक्तदार जमातों के सरबराहान से नुमाइंदगी भी की है । उन्हों ने कहा कि दस्तूर मैं फ़राहम करदा तमाम हुक़ूक़ से इस्तिफ़ादा करने और उन के मसाइल की यकसूई मैं हुकूमतों की जानिब से पहलू तही की जा रही है । इन तमाम मसाइल के इलावा लाज़िमी तालीम क़ानून में तरमीम करने केलिए मर्कज़ वज़ीर इंसानी वसाइल मिस्टर कपिल सिब्बल से नुमाइंदगी की गई थी लेकिन ताहाल उस की मंसूख़ी नहीं हुई और तरमीम शूदा बल को पार्लीमैंट में पेश नहीं किया गया । उन्हों ने इस बिल से मुताल्लिक़ बताया कि तालीमी बल के तहत 7 ता 14 बरस के बच्चों को असरी तालीम दिया जाना ज़रूरी है । जबकि अरबी तालीम हासिल करने वाले तलबा लाज़िमी तालीम क़ानून में शामिल होने पर अरबी तालीम मुतास्सिर होती है जिस की वजह जमईयत अलालमा-ए-ने मर्कज़ी वज़ीर से नुमाइंदगी के ज़रीया क़ानून में तरमीम करने पर ज़ोर दिया था । इस के इलावा बेजा इल्ज़ामात आइद करते हुए क़ैद-ओ-बंद की ज़िंदगी गुज़ारने वाले मुस्लिम नौजवानों की फ़ौरी रिहाई अमल में लाने के इक़दामात पर भी ज़ोर दिया गया । रुकन क़ानूनसाज़ कौंसल ने बताया कि जहां कहीं भी फ़िर्कावाराना वाक़ियात रौनुमा हूँ वहां के ज़िला इंतिज़ामीया-ओ-महिकमा अमन-ओ-ज़बत के आली ओहदेदारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के साथ साथ नुक़्सानात की पा बजाई उन ओहदेदारों से करवाने का मुतालिबा किया । रियास्ती सदर जमईता अलालमा-ए-ने बताया कि सुबाई इजलास गुज़शता दस बरस क़बल मुनाक़िद हुआ था । दस बरस बाद मुस्लमानों के दस्तूरी हुक़ूक़ की हसोली और मसाइल की यकसूई से मुताल्लिक़ तवज्जा दिलाने की ग़रज़ से एक इजलास यक्म जनवरी को मुनाक़िद होगा और जल्सा-ए-आम का एहतिमाम निज़ाम कॉलिज गराॶनड पर किया गया है । रियासत भर से जमईयत अलालमा-ए-के क़ाइदीन के इलावा मुस्लमानों की शिरकत की ग़रज़ से दौरे किए जा रहे हैं । उन्हों ने मुस्लमानों से कसीर तादाद में शिरकत करने की ख़ाहिश की । इस प्रैस कान्फ़्रैंस में रियास्ती नायब सदर-ओ-सदर ज़िला जमईयत अलालमा-ए-मौलाना सय्यद एहसान उद्दीन क़ासिमी मौलाना मुहम्मद अकबर ख़ान , मुहम्मद अफ़ज़ल उद्दीन , ख़्वाजा क़ुतुब उद्दीन , मुहम्मद महमूद अली , ख़्वाजा अज़ीज़ उद्दीन बशीर सदर मुदर्रिस दार-उल-उलूम नलगनडा मौलाना ख़्वाजा ज़िया उद्दीन मज़ाहरी-ओ-दीगर मौजूद थी.