मुस्लमानों को उलफ़त-ओ-मुहब्बत का पैकर बनने की तलक़ीन

जगत्याल, २७ जनवरी (सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़) अल्लाह का ये बहुत बड़ा एहसान है कि इस ने हमें ईमान की दौलत से मालामाल किया। इस नेअमत से मालामाल करके हमारी आज़माईश की और ग़ैरमुस्लिमों को इस दौलत से महरूम करके आज़माईश का सामान किया।

हमारी ये ज़िम्मेदारी है कि हम बिरादरान मिल्लत की इस्लाह केसाथ साथ उन को इस दौलत से मालामाल करने की फ़िक्र और कोशिश करें ताकि इस ज़िम्मा दाराना आज़माईश से सबकदोश हो सकें। इन ख़्यालात का इज़हार मुफ़्ती सादिक़ मुही उद्दीन फ़हीम ने अपने दौरा-ए-जगत्याल के मौक़ा पर दफ़्तर जमात-ए-इस्लामी में मुनाक़िदा एक इस्तेक़बालीया तक़रीब में किया।

उन्हों ने हदीस शरीफ़ का हवाला देते हुए कहा कि मोमिन उलफ़त का पैकर होता है , हमें चाहीए कि उलफ़त-ओ-मुहब्बत के पैकर बनें। उम्मत को इख़तेलाफ़ात को फ़रामोश करके दावत दीन का अहम फ़रीज़ा अंजाम देना चाहीए। असल बिगाड़ हमारे इंद्रिय है कि हम ने अपनी अपनी जमातों की तरफ़ और हर शख़्स-ओ-गिरोह ने अपनी ढेढ़ ईंट की मस्जिद बनाकर उस की तरफ़ बुलाना शुरू करदिया है।

हम तमाम मिल कर अल्लाह के दीन की तरफ़ लोगों को बुलाऐं तो ये सूरत-ए-हाल ना होती। क़ब्लअज़ीं मुहम्मद शुऐब उल-हक़ अमीर मुक़ामी जमात-ए-इस्लामी हिंद जगत्याल ने मौलाना का ख़ुत्बा‍ ए‍ इस्तेक़बालीया पेश किया। इस मौक़ा पर मौलाना के हमराह उन के एक देरीना रफ़ीक़ जनाब जाफ़र अली , मौलाना मिर्ज़ा उमर अली बेग सदर जमईतुल उल्मा-ए-हिंद जगत्याल और हाफ़िज़ नज़ीर उद्दीन और हाज़िरीन में जमात-ए-इस्लामी के अरकान-ओ-कारकुनान , एस आई ओ के ज़िम्मा दारान और जनाब मुहम्मद अबदुर्रहीम टी डी पी क़ाइद , जनाब हामिद हज़ारी सदर मस्जिद हज़ारी और जनाब मसाजिद पटवारी सदर एम पी जे मौजूद थे।