मुस्लमानों को किसी भी शोबा में तहफ़्फुज़ात की मुख़ालिफ़त

नई दिल्ली । १२। जून : ( एन ऐस ऐस ) : मुस्लमानों को 4.5 फ़ीसद कोटा पर सुप्रीम कोर्ट की रोलिंग की रोशनी में वे एचपी ने मर्कज़ी हुकूमत से मुतालिबा किया है कि मर्कज़ और रियास्ती हुकूमतें मुस्लमानों को तालीम , मुलाज़मतों और क़र्ज़ा जात में कोटा से फ़ौरी तौर पर दस्तबरदार हो जाएं । प्रवीण तो गाड़िया ने एक ब्यान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लमानों को साढे़ चार फ़ीसद कोटा से बाज़ रखा रहे ।

उन्हों ने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत ने आंधरा प्रदेश हाईकोर्ट के फ़ैसला के ख़िलाफ़ जलदबाज़ी में सुप्रीम कोर्ट से रुजू हुई ताहम सुप्रीम कोर्ट ने मर्कज़ी की दरख़ास्त को इस बुनियाद पर क़बूल करने से इनकार करदिया कि मर्कज़ जब तक मुस्लमानों को दीए गए । तहफ़्फुज़ात के ताल्लुक़ से कोई ठोस शवाहिद पेश नहीं करती ।

दरख़ास्त क़बूल नहीं की जा सकती । उन्हों ने कहा कि मर्कज़ और रियास्ती हुकूमतें मुस्लमानों को वोट बैंक के ज़रीया ख़ुश करना चाहती हैं । उन के लिए एक सबक़ है । उन्हों ने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत और रियास्ती हुकूमत ज़रूरतमंद ओ बी सी क़बाइली , पसमांदा तबक़ात के कोटा को छीनते हुए मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात देने की पालिसी पर तुले हुए हैं । उन्हों ने कहा कि हुकूमत को रंगनाथ मिश्रा कमीशन और राजिंदर सच्चर कमेटी रिपोर्ट को पसेपुश्त डाल देना चाहिए ।।