हैदराबाद।२६ अप्रैल, ( सियासत न्यूज़) मुस्लमानों को जब तक सयासी तहफ़्फुज़ात हासिल नहीं होते उस वक़्त तक उन्हें अपनी मूसिर आवाज़ ऐवानों में उठाने का मौक़ा मयस्सर नहीं आसकता। फ़िकरो परस्त अनासिर बिलख़सूस फ़िकरॊ परस्त सयासी ताक़तें मुस्लमानों को ऐवानों में पहुंचने से रोकने के लिए मंसूबा बंद हिक्मत-ए-अमली तैय्यार कर रही हैं, इससूरत-ए-हाल को मद्द-ए-नज़र रखते हुए मुस्लमानों को भी चाहिए कि वो अपनी सयासी हिक्मत-ए-अमली में तब्दीली रौनुमा करते हुए सयासी तहफ़्फुज़ात के हुसूल के लिए जद्द-ओ-जहद करें। जनाब मुहम्मद फ़रीद उद्दीन समाजी कारकुन ने इन ख़्यालात का इज़हार करते हुए कहा कि रियासत और मुल्क जिस सूरत-ए-हाल से गुज़र रहे हैं इस में मुस्लमानों को अपने सयासी वजूद की बक़ा के लिए ज़रूरी है कि वो सयासी जमातों को तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी के लिए मजबूर करें।
उन्हों ने बताया कि 2009-ए-के आम इंतिख़ाबात में हलक़ा असम्बली अंबर पेट के नताइज से मुस्लमानों को सबक़ हासिल करना चाहीए चूँकि जनाब मुहम्मद फ़रीद उद्दीन साबिक़ रियास्ती वज़ीर को कांग्रेस ने हलक़ा असम्बली अंबर पेट से उम्मीदवार बनाया था लेकिन उन के ख़िलाफ़ तमाम फ़िकऱ्ापरस्त क़ुव्वतें मुत्तहिद हो गईं और ख़ुद कांग्रेस के ग़ैर मुस्लिम क़ाइदीन ने फ़रीद उद्दीन के ख़िलाफ़ मुहिम चलाते हुए मिस्टर किशन रेड्डी को कामयाब बनाने की भरपूर कोशिश की और मुत्तहदा तौर पर ग़ैर मुस्लिम वोट किशन रेड्डी के हक़ में डाले गए जिस के नतीजा में एक मुस्लिम उम्मीदवार ऐवान में जाने से महरूम हो गया।
मिस्टर मुहम्मद फ़रीद उद्दीन ने बताया कि दलित और पसमांदा तबक़ात अपने हुक़ूक़ को मनवाने के लिए नुमाइंदगियों के साथ जद्द-ओ-जहद का रास्ता इख़तियार करते हैं इसी तरह मुस्लमानों को भी अपने जायज़ हुक़ूक़ के लिए नुमाइंदगियों और जद्द-ओ-जहद का आग़ाज़ करना चाहिए ताकि सयासी तहफ़्फुज़ात की बाज़ाबता तहरीक शुरू की जा सकी, इस तहरीक के नतीजा में तमाम सयासी जमातें मुस्लमानों को टिकट देने पर मजबूर हो जाएंगी।
अगर ऐसा होता है तो मुस्लमानों की सयासी सूरत-ए-हाल में ज़बरदस्त बेहतरी पैदा हो सकती है। उन्हों ने बतायाकि ऐवानअसैंबली और ऐवान पार्लीमैंट में मुस्लिम मुंख़बा अवामी नुमाइंदों की तादाद में इज़ाफ़ा और मसाइल के हल में मुसाबक़त का जज़बा मुस्लमानों की मआशी-ओ-तालीमी पसमांदगी को दूर कर सकता है।