मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात , वक़्फ़ जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ पर ज़ोर

हैदराबाद ।१९ मई : ( प्रैस नोट ) : जमईता उल्मा आंधरा प्रदेश की जानिब से अक़ल्लीयतों के मसाइल से मुताल्लिक़ एक याददाश्त वज़ीर-ए-आज़म डाक्टर मनमोहन सिंह को पेश की गई । जैसे तालीम और सरकारी मुलाज़मतों में मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात कीफ़राहमी , सच्चर कमेटी और जस्टिस सिरी रंगनाथ मिश्रा की सिफ़ारिशात पर अमलदरआमद दहश्तगर्दी और मुस्लमानों को बदनाम करने का भी ज़िक्र किया गया और इस याददाश्त में कहा गया कि दहश्तगर्दी एक घिनोना जुर्म है और किसी मज़हब में इस की इजाज़त नहीं है । जमईता उल्मा आंधरा प्रदेश इस के प्लॉट्स से मुस्लमानों और इस्लाम को जोड़ने की मुज़म्मत करती है ।

याददाश्त में कहा गया कि दीनी मदारिस को आर टी ई से मुस्तसना रखा जाय क्यों कि ख़दशा है कि इस से उन की शनाख़्त मुतास्सिर होगी । और कहा गया कि दीनी मदारिस के तलबा को भी दीगर स्कूलों के तलबा की तरह सहूलतें फ़राहम की जाएं । जैसे आर टी सी बस पास और रेलवे पास की फ़राहमी । इस याददाश्त में वक़्फ़ जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ पर ज़ोर दिया गया और कहा गया कि वक़्फ़ की कई जायदादों पर नाजायज़ क़ब्ज़े हो रहे हैं ।

हुकूमत इन जायदादों का किराया मार्किट शरह के मुताबिक़ मुक़र्रर करे और उन जायदादों पर लैंड गिरा बरस के क़ब्ज़ों को बर्ख़ास्त करने के लिए सख़्त क़ानून बनाया जाय । एम पी और एम एलए के एरिया डेवलपमेन्ट‌ फ़ंड के कम अज़ कम 20 फ़ीसद हिस्सा को मुस्लिम आबादी वाले इलाक़ों में ख़र्च किए जाने को यक़ीनी बनाया जाय । हुकूमत की फ़लाही असकीमात की तशहीर उर्दू ज़बान में भी की जाय ताकि मुस्लमान इस से मुस्तफ़ीद हो सकें ।

ऐसे मुक़ामात पर जहां मुस्लिम आबादी ज़्यादा हो टकनीकल इदारे क़ायम किए जाएं ताकि मुस्लमान फ़न्नी तालीम हासिल कर के रोज़गार हासिल कर सकें । वज़ीर-ए-आज़म को पेश की गई याददाश्त में दीगर उमूर का भी अहाता किया गया