नई दिल्ली, 21 अक्तूबर (यू एन आई) हज कमेटी आफ़ इंडिया के वाइस चेयरमैन हसन अहमद ने मसलकी इख़तिलाफ़ात को हवा देने की कोशिशों पर तशवीश ज़ाहिर करते हुए मुस्लमानों से अपील की है कि वो मसलक, फ़िर्क़ा और अक़ाइद से बालातर होकर हर हाल में इत्तिहाद क़ायम रखें।
आज यहां जारी एक ब्यान में उन्हों ने कहा कि मुस्लमान अपने अपने मसलकों और नज़रियात को पूरी मज़बूती से थामे रहें और उन पर अमल पैरा रहीं लेकिन किसी दूसरे मसलक के मानने वालों को बुरा भला कहने से हर हाल में गुरेज़ करें।
मिस्टर हसन अहमद ने कहा कि पैग़ंबर इस्लाम ने मुस्लिमा उम्मत को एक जिस्म की मानिंद क़रार दिया है और कहा है कि जब जिस्म के किसी हिस्से को तकलीफ़ होती है तो इस का दर्द पूरा जिस्म महसूस करता है।
उन्हों ने कहा कि वक़्त का तक़ाज़ा है कि हम अपने इख़तिलाफ़ात और नज़रियात अपनी ज़ात तक महिदूद रखें और दूसरे नज़रियात और अक़ाइद के हामिल लोगों को किसी सूरत में निशाना ना बनाये।
हज कमेटी के वाइस चेयरमैन ने कहा कि हमारा ख़ुदा एक, हमारा रसूल एक, हमारा काबा एक,हमारा कुरान एक फिर हम एक दूसरे को क्यों बुरा भला कहते हैं।
उन्हों ने कहा कि इस वक़्त पूरी दुनिया में मुस्लमान इंतिशार की वजह से ही मुख़्तलिफ़ मसाइल से दो-चार हैं।