हैदराबाद 31 दिसंबर: मुसलमानों को अपने हालात बदलने ख़ुद पहल करनी होगी और साबिक़ा कोताहियों की रिवायत को तोड़ते हुए एक नई तारीख़ बनाना होगा।
12 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात रियासत तेलंगाना में मुसलमानों की ख़ुशहाली और तरक़्क़ी का सबब बन सकते हैं। इन ख़्यालात का इज़हार आमिर अली ख़ां न्यूज़ एडीटर सियासत ने किया। वो ज़हीराबाद में मुसलमानों के एक इजतिमा को मुख़ातब थे।
ज़हीराबाद की मिली, मज़हबी, सियासी-ओ-अदबी तन्ज़ीमों की शख़्सियतों की कसीर तादाद ने इस में शिरकत की जो 12 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात तहरीक के तहत मुनाक़िद हुआ। आमिर अली ख़ां ने अपने ख़िताब में मुसलमानों पर-ज़ोर देते हुए कहा कि वो अल्लाह की रस्सी को मज़बूती से थाम लें और क़ुरआन-ओ-हदीस की रोशनी में ज़िंदगी बसर करें जो दुनिया-ओ-आख़िरत में कामयाबी का ज़रीया है।
आमिर अली ख़ां ने हुकूमत से कहा कि वो फ़ौरी बी सी कमीशन का क़ियाम अमल में लाए बल्कि 9वें शेडूल में तरमीम और मसले को मर्कज़ से रुजू करना तहफ़्फुज़ात को तात्तुल का शिकार बना सकता है और मुसलमानों को मर्कज़ से किसी किस्म की उम्मीद नहीं है।
उन्होंने तहफ़्फुज़ात की एहमीयत पर-ज़ोर देते हुए तहफ़्फुज़ात के लिए जारी तहरीक के नताइज को बयान किया और कहा कि आज तहफ़्फुज़ात की तहरीक से वाबस्ता मुसलमानों की दिलचस्पी का नतीजा ये है कि हुकूमत 20 ता 50 फ़ीसद सब्सीडी स्कीमात के अलावा अब मुसलमानों के लिए 80 फ़ीसद सब्सीडी वाली स्कीमात को रोशनास करने का मन्सूबा रखती है।
उन्होंने मुसलमानों की तरक़्क़ी के ताल्लुक़ से रियासती वज़ीर आबपाशी हरीश राव की तरफ से तलब करदा हिदायत का हवाला देते हुए कहा कि हुकूमत को चाहीए कि वो ओक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के अपने वादे को पूरा करे। उन्होंने कहा कि साल 2002 में इसवक़्त के सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड जो उस वक़्त तेलंगाना राष़्ट्रा समीती से वाबस्ता रुकन क़ानूनसाज़ कौंसिल हैं मुहम्मद सलीम ने वक़्फ़ बोर्ड को मेडिकल कॉलेज के क़ियाम का मन्सूबा पेश करते हुए हुकूमत को सिफ़ारिश की थी जो आज तक ज़ेर-ए-ग़ौर है।
हुकूमत को चाहीए कि वो मेडिकल कॉलेज क़ायम करे। उन्होंने 12 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात में मुसलमानों की दिलचस्पी को ख़ुश आइंद क़रार दिया और कहा कि मुसलमानों को सिर्फ अपने इत्तिहाद पर भरोसा करना चाहीए जबकि मुस्लिम क़ियादत और मुस्लिम ओहदेदार मुसलमानों की भलाई में नाकाम हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि तहफ़्फुज़ात के ज़रीये 5 लाख मुस्लिम ख़ानदान मुस्तफ़ीद होंगे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम ख़वातीन इस्लामी तालीमात पर अमल करते हुए तरक़्क़ी कर सकती हैं।