हैदराबाद 22 फ़रवरी:ज़ाहिद अली ख़ान एडीटर रोज़नामा सियासत ने मुसलमानों से अपील कि के वो शादीयों को आसान बनाएँ अपनी तक़ारीब में सादगी और किफ़ायत-शिआरी को इख़तियार करें ताकि मिल्लत-ए-इस्लामीया को फ़ुज़ूल खर्ची से बचाया जा सके। वो टोली चौकी के एस ए इम्पीरियल गार्डन में इदारा सियासत के ज़ेरे एहतेमाम मुनाक़िदा (56) वीं दु बा दु मुलाक़ात प्रोग्राम में सदारती तक़रीर कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में शादी के अख़राजात 5 ता 15 लाख रुपये तक हो रहे हैं अगर हम शादीयों में इसराफ़ से गुरेज़ करेंतो एक साल के अंदर अंदर एक हॉस्पिटल या कॉलेज क़ायम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई मुस्लमान महिज़ झूटी शान के ख़ातिर महंगे शादी ख़ानों में अपने लड़के-ओ-लड़कीयों की शादियां अंजाम दे रहे हैं। उस के साथ पुरतकल्लुफ़ लवाज़मात इसराफ़ और फुज़ूलखर्ची की अलामत बन गए हैं इस सूरत-ए-हाल के नतीजे में मुस्लिम मुआशरे का तबक़ा ज़्यादा परेशान है।
उन्होंने इस बात पर भी अफ़सोस का इज़हार किया कि बाज़ शादीयों की तक़ारीब सूद लेकर अंजाम दी जा रही हैं। हालाँकि इस्लाम में सूद हराम है और सूद के पैसे से तैयार किया जाने वाला खाना हमारे लिए हराम होगा। इस लिए उन्होंने तए कर लिया कि वो सिर्फ़ ग़रीबों की शादीयों में शिरकत करेंगे और सिर्फ एसी शादीयों में शिरकत करेंगे जो इसराफ़ और फुज़ूलखर्ची और बेजा रसूमात से पाक होगी।
ज़ाहिद अली ख़ान ने मुल्क की मौजूदा सूरत-ए-हाल के वाले से कहा कि वक़्त आगया है कि मुस्लमान अपनी मआशी और तालीमी हालात को बेहतर बनाने आगे बढ़ीं क्यूं कि वही कौमें बाइज़्ज़त मुक़ाम हासिल कर सकती हैं जो तालीम के शोबे में आगे हूँ और उनकी मआशी हालत बेहतर-ओ-ताक़तवर हो उन्होंने कहा कि वालिदैन का फ़रीज़ा है कि वो लड़कों और लड़कीयों को वक़्त के तक़ाज़ों के मुताबिक़ आला तालीम से आरास्ता करें। उन्होंने कहा कि मुस्लिम लड़कीयों में तालीम की उमनग बढ़ती जा रही है जो हमारे मुआशरे के लिए बेहतर है हमारे लड़के भी ग़ैर ज़रूरी सरगर्मीयों-ओ-मशागिल से बचते हुए अपने मुस्तक़बिल की तामीर मुआशरे की तरक़्क़ी के लिए जद्द-ओ-जहद करें। उन्होंने लड़कों के वालिदैन को मश्वरह दिया कि वो सूरत शक्ल की एहमीयत और दौलत की लालच के रुजहान को तर्क कर दें बल्कि लड़की के इंतेख़ाब में सीरत-ओ-किरदार को ज़्यादा एहमीयत दें। एक क़बूलसूरत लड़की पूरे ख़ानदान के लिए ख़ुशी और ख़ुशहाली का बाइस बन सकती है। उन्होंने कहा कि दु बा दु मुलाक़ात प्रोग्राम ना सिर्फ शहरे हैदराबाद बल्कि अज़ला में भी काफ़ी मक़बूलियत हासिल कर चुके हैं। दुसरे रियासतों से भी नुमाइंदगी की जा रही है कि इस नौईयत के प्रोग्राम वहां भी मुनाक़िद हूँ।
उन्होंने मुहम्मद मुईनुद्दीन परोप्राइटर इम्पीरियल गार्डन की मिली समाजी ख़िदमात को ख़िराज-ए-तहिसीन पेश करते हुए कहा कि दु बा दु मुलाक़ात प्रोग्राम की कामयाबी में इन की नेक नीयती और इख़लास का बड़ा दख़ल है। उन्होंने सेंट्रल पब्लिक स्कूल (खिलवत) के तालिब-इल्म मुहम्मद मुज़फ़्फ़रुद्दीन की सलाहीयतों की सताइश करते हुए उन्हें रुकमी इनाम अता किया। इस के अलावा मुहम्मद मुईनुद्दीन डॉ अय्यूब हैदरी ने भी नक़द इनामात दिए। मेहमान-ए-ख़ोसूसी मुहम्मद मुईनुद्दीन सदर नशीन फ़ैडरेशन आफ़ टोली चौकी कॉलोनीज़ ने कहा कि आज के नफ़सा-नफ़सी के दौर में दूसरों के मसाइल को हल करना आसान काम नहीं है।
ज़ाहिद अली ख़ान की सुबह इस फ़िक्र से शुरू होती है कहा वो मिल्लत-ए-इस्लामीया के लिए किया कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दर-हक़ीक़त रिश्ते आसमानों में तए होते हैं लेकिन इस की तकमील के लिए अल्लाह ने बंदों को ज़िम्मेदारी अता की है। उन्होंने लड़कीयों के वालिदैन को मश्वरा दिया कि वो तहज्जुद की नमाज़ अदा करें और अल्लाह से गिड़गिड़ा कर दुआएं करें।