मुस्लमान दहश्तगर्द सरगर्मीयों के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करें

हैदराबाद 09 जुलाई: क़ाइद अप्पोज़ीशन तेलंगाना क़ानूनसाज़ कौंसल मुहम्मद अली शब्बीर ने मुस्लमानों से अपील की के वो दहश्तगर्द सरगर्मीयों के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करें ताकि दहश्तगर्द इन्सानियत के ख़िलाफ़ जराइम की साज़िश में कामयाब ना हो सकें।

मुहम्मद अली शब्बीर ने मदीना मुनव्वरा और दुसरे मुक़ामात पर दहश्तगर्द कार्यवाईयों की सख़्ती से मज़म्मत की और कहा कि दहश्तगरदों ने इन कार्यवाईयों के ज़रीये आलम-ए-इस्लाम के मुस्लमानों के लिए खुला चैलेंज दिया है। मुस्लमानों की ज़िम्मेदारी है कि वो दहश्तगर्दी का मुत्तहदा तौर पर मुक़ाबिला करें और दुनिया को ये पयाम दें कि इस्लाम का दहश्तगर्दी से कोई ताल्लुक़ नहीं है और ना ही इस तरह की ग़ैर इस्लामी हरकतों में शामिल अनासिर मुसलमान हो सकते हैं।

मुहम्मद अली शब्बीर ने कहा कि मस्जिद नबवी(स०) की हुर्मत और इस का तक़द्दुस मुस्लमानों के लिए जान से ज़्यादा अज़ीज़ है और वहां बम धमाके की जिस शिद्दत से मज़म्मत की जाये कम है। उन्होंने कहा कि इन कार्यवाईयों का मक़सद मुस्लमानों में इंतिशार पैदा करना है जो आलमी सतह पर मुख़ालिफ़ इस्लाम और मुख़ालिफ़ मुस्लिम ताक़तों का एजंडा है।

उन्होंने कहा कि मस्जिदे नबवी(स०) के क़रीब बम धमाके का कोई मुसलमान तसव्वुर भी नहीं करसकता और जिन शैतान सिफ़त अनासिर ने ये मज़मूम हरकत की है उन्हें कैफ़र-ए-किरदार तक पहुंचाना वक़्त की अहम ज़रूरत है। मुहम्मद अली शब्बीर ने कहा कि आज दुनिया के मुख़्तलिफ़ हिस्सों में इस्लाम के नाम पर दहश्तगर्द कार्यवाईयों के ज़रीये इस्लाम और मुस्लमानों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।