वाशिंगटन 21 मई: डेमोक्रेटिक इमकानी सदारती उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने इस बात को यक़ीनी तौर पर कहा कि वो डेमोक्रेटिक की सदारती उम्मीदवार नामज़द होजाएंगी। उन्होंने अपने रिपब्लिकन हरीफ़ डोनाल्ड ट्रम्प को उनकी (ट्रम्प) मुतअद्दिद पालिसीयों पर तन्क़ीदें कीं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने मुसलमानों के अमेरीका आने पर पाबंदी आइद करने की बात कही थी, इस रिमार्क को हिलेरी ने ख़ुसूसी तौर पर नोट करते हुए ट्रम्प को सदारती ओहदे के लिए नामौज़ूं शख़्सियत क़रार दिया। सी एन एन से बात करते हुए उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक का सदारती उम्मीदवार नामज़द होना तक़रीबन तए है और एसा हो ही नहीं सकता कि उन्हें नामज़द किया जाये। यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी हैके 68 साला साबिक़ वज़ीरे ख़ारजा को अब तक 2383 डेलीगेट्स का जादूई अदद हासिल नहीं हुआ है। 2293 डेलीगेट्स उन्होंने पहले ही हासिल करलिए हैं जो उन के लिए माबक़ी दुसरे रियासतों में शिकस्त के बावजूद पार्टी के सदारती उम्मीदवार नामज़द करने के लिए काफ़ी होंगे।
जब उनसे पूछा गया कि उन्हें नामज़द होने का इस क़दर यक़ीन कैसे है तो इस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये ख़ुद इनका तजुर्बा है जिसने उन्हें इस क़दर बाएतेमाद बनाया है क्युं कि पिछ्ले चुनाव मुक़ाबलों में उन्होंने लम्हा आख़िर तक उस वक़्त के सीनीयर बारक ओबामा से मुक़ाबला किया था।
आख़िरी 12 मुक़ाबलों के मिनजुमला उन्हें (हिलेरी) 9 मुक़ाबलों में कामयाबी मिली थी। 2008 में उन्होंने इंडियाना, कनीटकी और वेस्ट वर्जीनिया में कामयाबी हासिल की थी लिहाज़ा जैसे जैसे हम अंजाम की तरफ बढ़ते हैं हमारे हामीयों के जोश-ओ-ख़ुरोश में इज़ाफ़ा होता जाता है।
एक इंटरव्यू के दौरान हिलेरी ने ट्रम्प के ज़रीये पिछ्ले एक हफ़्ते के दौरान दिए गए बयानात की तन्क़ीद की जहां ट्रम्प ने ना सिर्फ बर्तानिया को निशाना बनाया बल्के न्यूक्लीयर तवानाई के हामिल मुल्क शुमाली कोरिया की सताइश की। नाटो से अमेरीकी अफ़्वाज के इख़राज, दुसरे ममालिक को भी न्यूक्लीयर तवानाई हासिल करनी चाहीए। ये सब वो बयानात हैं जिसने अवाम को सोचने पर मजबूर कर दिया है क्युं कि ये सब ख़तरनाक नौईयत के बयानात हैं जिसके नताइज शायद अवाम को ही भुगतने पड़ेंगे। ट्रम्प के बयानात दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ अमेरीका की जंग को मज़ीद मुश्किल और पेचीदा बनादेगी।
मुसलमानों को अमेरीका आने ना दिया जाये, इस बयान से मुस्लिम अक्सरीयती आबादी वाले ममालिक चौकन्ना होजाएंगे क्युं कि ये एसे मुस्लिम ममालिक हैं जिनके साथ कांधे से कांधा मिलाते हुए अमेरीका को दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ लड़ाई जारी रखनी है। ट्रम्प के बयानात से उन मुस्लिम ममालिक को ग़लत पैग़ाम मिल रहा है और वो अमेरीका और ट्रम्प को इज़्ज़त की निगाह से नहीं देख रहे हैं।
मुसलमानों में बड़े बड़े ताजरीन हैं, फ़िल्म अदाकार हैं, स्पोर्टस मैन हैं, नोबल ईनाम याफ़्ता शख़्सियतें हैं, लंदन के मेयर हैं, क्या इन सब पर अमेरीका आने के लिए पाबन्दी आइद किया जा सकता है। ट्रम्प कहते हैं कि वो लंदन के मुस्लिम मेयर सादिक़ ख़ान को अमेरीका आने की इजाज़त देंगे जैसे मरीका ट्रम्प की जागीर है। इन बयानात का ख़ुद सादिक़ ख़ान ने भी तुर्की बह तुर्की जवाब दिया है।