मुस्लमान, सरकारी इसकीमात के फ़वाइद से महरूम

नई दिल्ली /18 सितंबर (पी टी आई) मुस्लमानों के लिए शुरू करदा सरकारी असकीमात पर अमल आवरी में कोताहियों और लापरवाहियों की शिकायत के दरमयान कि मुस्लमान सरकारी स्कीमों के फ़वाइद से महरूम हैं। वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर ने अहकाम जारी करते हुए कहा है कि इन प्रोग्रामों की अमल आवरी में पाई जाने वाली ख़राबियों का फ़ौरी जायज़ा लिया जाए। आइन्दा साल बारहवीं पंजसाला मंसूबा रूबा अमल लाने से क़बल मुस्लमानों के लिए शुरू करदा असकीमात में पाई जाने वाली ख़राबियों की निशानदेही ज़रूरी है। पी ऐम ओ ने वज़ारत अक़ल्लीयती उमूर को हिदायत दी है कि वो दो माह के अंदर सच्चर कमेटी सिफ़ारिशात की बुनियादों पर शुरू करदा हमा तबक़ाती तरक़्क़ीयाती प्रोग्रामों का जायज़ा ले। मुलक के 90 निशानदेही करदा अज़ला में अक़ल्लीयतों के लिए शुरू करदा प्रोग्रामों में बेहतरी का जायज़ा लेने की हिदायत दी गई है। इस जायज़ा का मक़सद 2008 -में शुरू करदा हमा तबक़ाती तरक़्क़ीयाती प्रोग्राम की अमल आवरी में पाई जाने वाली ख़राबियों का पता चलाना है। इस के इलावा अक़ल्लीयतों के लिए ज़्यादा से ज़्यादा इक़दामात करने पर भी तवज्जा देना है। असकीमात पर अमल आवरी के तीसरे साल हुकूमत चाहती है कि इन प्रोग्रामों के अंदर पाई जाने वाली ख़राबियों का पता चलाया जाई, ताकि बारहवीं पंजसाला मंसूबा को नक़ाइस से पाक बनाया जा सके। ज़राए ने कहा कि फ़िलफ़ौर जायज़ा लेने का मक़सद मुस्लमानों को तरक़्क़ी देने के लिए मुस्तक़बिल में वज़ा किए जाने वाले प्रोग्रामों को बेहतर बनाना है। इस के इलावा इन प्रोग्रामों को आइन्दा के पंजसाला मंसूबा से मरबूत किया जा सकता है। हुकूमत के ये इक़दामात इन शिकायात के तनाज़ुर में किए जा रहे हैं कि मुस्लमानों की तरक़्क़ी के लिए शुरू करदा स्कीमों का कोई ख़ास फ़ायदा नहीं हो रहा है और जिन अफ़राद के लिए ये असकीमात शुरू की गई हैं, वो फ़वाइद से हनूज़ महरूम हैं। हमा तबक़ाती तरक़्क़ीयाती प्रोग्राम (ऐम एसडी पी) को 2008 में 90 फ़ीसद अक़ल्लीयती अक्सरीयत वाले अज़ला में शुरू किया गया था। ये प्रोग्राम सच्चर कमेटी सिफ़ारिशात के बाइस वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के तैय्यार करदा पंद्रह नकाती प्रोग्राम का हिस्सा है। हुकूमत ने इन असकीमात के करोड़ रुपय मुख़तस किए हैं, जिस में से अब तक 2100 करोड़ रुपय जारी किए गए हैं। इन फंड्स का इस्तिमाल सिर्फ़ 50 फ़ीसद तक हुआ है। ज़राए ने इस ख़्याल को मुस्तर्द करदिया कि इन असकीमात को मुनासिब तौर पर रूबा अमल नहीं लाया जा रहा है। ज़राए ने कहा कि ये ख़्याल ग़लत इत्तिला का नतीजा है। तक़रीबन 45 लाख मुस्लिम नौजवानों को स्कालर शिपस जारी की गई हैं।