मुस्लिम मुल्कों पर यहूदीयों और सीहोनियों की बुरी नज़रें, दाख़िली मुआमलों में मुदाख़िलत की मुख़ालिफ़त
तहरान । यक्म सितंबर (एजैंसीज़) ईरान के अज़ीम रहनुमा आयत-ए-अल्लाह सय्यद अली ख़ा मुँह ई ने आलम इस्लाम को फिर एक बार ख़बरदार किया कि यहूदी और सीहोनी ताक़तें मशरिक़ वुसता और शुमाली अफ़्रीक़ा में अपनी जारहीयत पसंदी के ज़रीया उन्हें निशाना बनारहे हैं। इस्तिमारी ताक़तों से चौकस रहने और उन के मंसूबों को नाकाम बनाने का मश्वरा देते हुए ख़ा मुँह ई ने कहाकि मुस्लमानों की इजतिमाई ताक़त ही दुश्मनों की स्कीमों को नाकाम बना सकती है। मिस्र, तीवनस, यमन, लीबिया, बहरीन और इस तरह के दीगर मुल्कों में रौनुमा होने वाले हालिया वाक़ियात का हवाला देते हुए आयत-ए-अल्लाह ख़ा मुँह ई ने ईरानी ओहदेदारों और अवाम के इजतिमा से ख़िताब करते हुए कहाकि आलम इस्लाम को मग़रिब के नापाक मंसूबों को कुचलने के लिए मुत्तहिद होना चाहीए। अगर मुस्लिम अक़्वाम अपने उमोर में मुदाख़िलत करनेवाली कोशिशों को नाकाम बनाएंगे तो वो बहुत जल्द तरक़्क़ी की राह पर गामज़न होंगे। ताहम अगर आलमी इस्तिमारी ताक़तें जारहीयत पसंद अक़्वाम और बैन-उल-अक़वामी यहूदी ग्रुप मिल कर अमरीका का साथ देते हुए आलम इस्लाम को कमज़ोर बनाने में कामयाब हुए तो फिर इलाक़ाई तरक़्क़ी ठप होजाएगी। उन्हों ने कहाकि बरसों से आलम इस्लाम बिलाशुबा मुस्लिम दुनिया को बड़े मसाइल का सामना है। उन्हों ने ज़ोर दे कर कहाकि आलम इस्लाम में इस्लामी बेदारी और अवाम में इजतिमाई कोशिशों का जज़बा पैदा होतो तारीख़ इस्लाम में मौजूद क़ीमती और बेशबहा तजुर्बात से इस्तिफ़ादा करते हुए दुश्मनाँ इस्लाम का मुक़ाबला किया जा सकता है। ख़ा मुँह ई इस बात की निशानदेही की है कि मुस्लिम अक़्वाम ख़ासकर सयासी और सक़ाफ़्ती नौईयत की हामिल मुस्लिम दुनिया इस तरह के जारहीयत पसंदाना वाक़ियात को रोकने के लिए अपनी अहम और हस्सास ज़िम्मेदारी को अदा करना चाहीए। ईद के मौक़ा पर उन्हों ने कहाकि आज का दिन आलम इस्लाम के लिए सब से बड़ा दिन है और इस मौक़ा पर मुस्लिम दुनिया अपनी सलाहीयतों और अज़ीम ताक़त के ज़रीया दुश्मनों का मुक़ाबला करसकती है।