मुस्लिम वोटर बहुल 92 सीटों पर एनडीए को इस बार 45 सीटें मिलीं। भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन का यह प्रदर्शन 2014 से भी बेहतर है। 2014 में एनडीए को 41 सीटें हासिल हुईं थीं। इधर, यूपीए के दलों ने इस बार 18 सीटों पर जीत हासिल की। पिछली बार यूपीए को 15 सीटें मिलीं थीं। ये वे सीटें हैं, जहां मुस्लिम वोटरों की मौजूदगी 20% से ज्यादा है। इन सीटों पर इस बार विपक्षी दलों ने अपनी रैलियों में मुस्लिमों से अपने वोटों का बिखराव रोकने और एकजुट होकर वोट डालने की अपील की थी। हालांकि इसका कुछ खास असर देखने को नहीं मिला। महागठबंधन और यूपीए के दलों की मुस्लिम वोटरों के बिखराव रोकने की अपील के बावजूद भाजपा के सहयोगी दलों ने इन क्षेत्रों की आधी सीटों पर कब्जा जमाया।
सबसे ज्यादा मुस्लिम बहुल सीटें पश्चिम बंगाल में हैं। यहां की 28 सीटों में से तृणमूल ने 17 पर जीत हासिल कीं। हालांकि पिछली बार तृणमूल को यहां 23 सीटें मिलीं थीं। भाजपा+ को यहां 9 सीटें मिलीं। वहीं, यूपी की 23 मुस्लिम बहुल सीटों में 8 पर महागठबंधन के उम्मीदवार जीते,15 पर भाजपा+ की जीत हुई। पिछली बार भाजपा+ ने यूपी की 22 सीटें जीती थीं।
राज्य | 2014 के परिणाम | 2019 के नतीजे | ||||
भाजपा+ | कांग्रेस+ | अन्य | भाजपा+ | कांग्रेस+ | अन्य | |
उत्तर प्रदेश (23) | 22 | 0 | 1 | 15 | 0 | 8 |
पश्चिम बंगाल (28) | 1 | 4 | 23 | 9 | 2 | 17 |
असम (6) | 2 | 1 | 3 | 3 | 2 | 1 |
जम्मू-कश्मीर (6) | 3 | 0 | 3 | 3 | 3 | 0 |
केरल (10) | 0 | 6 | 4 | 0 | 10 | 0 |
बिहार (4) | 0 | 3 | 1 | 3 | 1 | 0 |
महाराष्ट्र (4) | 4 | 0 | 0 | 3 | 0 | 1 |
तेलंगाना (2) | 1 | 0 | 1 | 1 | 0 | 1 |
उत्तराखंड (2) | 2 | 0 | 0 | 2 | 0 | 0 |
दिल्ली (2) | 2 | 0 | 0 | 2 | 0 | 0 |
हरियाणा (1) | 1 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 |
कर्नाटक (1) | 1 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 |
मध्य प्रदेश (1) | 1 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 |
चंडीगढ़ (1) | 1 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 |
लक्षद्वीप (1) | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 1 |
कुल (92) | 41 | 15 | 36 | 45 | 18 | 29 |
मायावती की अपील ने सहारनपुर जितवाया, आसपास की 4 में से 3 फिर भी भाजपा को
मायावती ने 7 अप्रैल को सहारनपुर के देवबंद में मुस्लिम वोटरों से एकजुट होने की अपील की थी। मायावती ने कहा था कि किसी भी सूरत में अपने वोट को बंटने मत देना। मायावती ने कहा था, ‘कांग्रेस इस लायक नहीं है कि वो भाजपा को टक्कर दे सके, जबकि महागठबंधन के पास मजबूत आधार है। ऐसे में अपने वोटों का बिखराव मत करना और एकजुट होकर गठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में वोट करना।’ सहारनपुर से सटी हुई हरिद्वार, बिजनौर, मुजफ्फरनगर और कैराना सीटों पर इसके ठीक चार दिन बाद वोटिंग हुई। इन सभी सीटों पर मुस्लिम वोटर्स 30 फीसदी से ज्यादा हैं। पिछली बार इन सभी पांच सीटों पर भाजपा जीती थी। इस बार यहां भाजपा की 2 सीटें कम हुईं।
लोकसभा सीट |
मुस्लिम वोटर्स |
2014 में नतीजे |
2019 में नतीजे |
सहारनपुर |
31-40% |
भाजपा |
बसपा |
हरिद्वार |
31-40% |
भाजपा |
भाजपा |
बिजनौर |
41-50% |
भाजपा |
बसपा |
मुजफ्फरनगर |
31-40% |
भाजपा |
भाजपा |
कैराना |
31-40% |
भाजपा |
भाजपा |
काम न आई सिद्धू की मुस्लिम वोटरों से अपील
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने 16 अप्रैल को बिहार के कटिहार में मुस्लिम मतदाताओं से एकजुट रहने की अपील की थी। उन्होंने कहा था, ‘मैं आपको चेतावनी देना आया हूं मुस्लिम भाइयो! ये बांट रहे हैं आपको। ये यहां ओवैसी जैसे लोगों को लाकर आप लोगों के वोट बांट कर जीतना चाहते हैं। अगर आप लोग एकजुट होकर वोट डालेंगे तो ये लोग निपट जाएंगे, मोदी सुलट जाएगा।’ कटिहार से एकदम सटे हुए- रायगंज, किशनगंज, पूर्णिया, बालुरघाट और मालदा उत्तर लोकसभा सीटों पर 30 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं। 2014 में यहां किसी भी सीट पर भाजपा को जीत नहीं मिली थी, लेकिन इस बार भाजपा गठबंधन को यहां 5 सीटें मिलीं हैं।
लोकसभा सीट |
मुस्लिम वोटर्स |
2014 में नतीजे |
2019 में नतीजे |
कटिहार |
41-50% |
राकांपा |
जदयू |
रायगंज |
41-50% |
सीपीएम |
भाजपा |
किशनगंज |
50% से ज्यादा |
कांग्रेस |
कांग्रेस |
पूर्णिया |
31-40% |
जदयू |
जदयू |
बालुरघाट |
21-30% |
टीएमसी |
भाजपा |
मालदा उत्तर |
50% से ज्यादा |
कांग्रेस |
भाजपा |
पश्चिम बंगाल में इमामों का पत्र
पश्चिम बंगाल में इमामों ने पत्र लिखकर मुस्लिमों से सोच-समझकर वोट देने की अपील की थी। पत्र में लिखा गया था कि हमें हर पांच वर्षों में सरकार चुनने का मौका मिलता है। यदि हम गलती कर देते हैं तो फिर हमें अगले 5 वर्षों तक इंतजार करना होता है। तो जरूरी यह है कि पहले तय कर लिया जाए कि हम किसे मतदान कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में 28 सीटों पर मुस्लिम वोटरों का प्रतिशत 20% से ज्यादा है। यहां भाजपा को इस बार 9 सीटें मिली हैं। 2014 में भाजपा को इनमें से महज 1 सीट मिली थी, जबकि कांग्रेस को 4 और टीएमसी को 23 सीटें मिलीं थीं।
बेहरामपुर में 63% मुस्लिम फिर भी अब तक मुस्लिम सांसद नहीं
पश्चिम बंगाल के बेहरामपुर में 63% से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। लेकिन अब तक वहां एक बार भी मुस्लिम सांसद नहीं चुना गया। जादवपुर में 35 फीसदी और दमन में 25 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। लेकिन वहां भी अब तक हिंदू ही सांसद चुने गए। इन तीनों सीटों पर इस बार भी हिंदू प्रत्याशी ही जीते हैं। बेहरामपुर में जहां कांग्रेस जीती है, वहीं जादवपुर में तृणमूल कांग्रेस और दमन-दीव की सीट भाजपा के हिस्से आई है
वजह : इन सीटों पर अमूमन कई मुस्लिम उम्मीदवार खड़े हो जाते हैं। इससे मुस्लिम वोट बंट जाता है।
92 सीटों पर 20% से ज्यादा मुस्लिम वोटर
41 सीटों पर 21-30% मुस्लिम वोटर
जम्मू, दक्षिण कन्नड, कुन्नूर, वायनाड, पलक्कड, अलाथूर, भोपाल, जालना, औरंगाबाद, मुंबई साउथ-सेंट्रल, मुंबई साउथ, बागपत, बुलंदशहर, बदायूं, पीलीभीत, मोहनलालगंज, लखनऊ, गोंडा, डुमरियागंज, संतकबीरनगर, कूचबिहार, बलूरघाट, वर्धमान, कोलकाता उत्तर, कोलकाता दक्षिण, हावड़ा, उलुबेडिय़ा, दुर्गापुर, आसनसोल, बोलपुर, बीरभूमि, नैनीताल, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली, चंडीगढ़, मोवेलिक्करा, कृष्णानगर, राणाघाट, बणगांव, बैरकपुर, दमदम, बारासात।
11 सीटों पर 41-50% मुस्लिम वोटर
सिकंदराबाद, हैदराबाद, अररिया, कटिहार, लद्दाख, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, रायगंज
24 सीटों पर 31-40% मुस्लिम वोटर
मंगलदोई, सिलचर, पुर्णिया, गुडग़ांव, उधमपुर, कासरगोड, वडाकरा, कोझीकोड, सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, मेरठ, आंवला, बरेली, बहराइच, श्रावस्ती, हरिद्वार, चांदनी चौक, बशीरहाट, जॉयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जाधवपुर
16 सीटों पर 50% से ज्यादा मुस्लिम वोटर
करीमगंज, धुबड़ी, बारपेटा, नौगांव, किशनगंज, श्रीनगर, बारामुला, अनंतनाग, मल्लापुरम, पुन्नानी, लक्ष्यद्वीप, बहरामपुर, मुर्शिदाबाद, मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण और जंगीपुर