बरेली में रह रहे पाकिस्तानी जासूस, मुहम्मद एजाज की 2 हफ्ते पहले मेरठ में हुई गिरफ्तारी के बाद शहर की पुलिस बेहद अलर्ट हो गई है। सभी रिटायर हो चुके डीएसपी को नोडल आफीसर्स की तरह काम करने और पुराने शहर के इलाके में वाके हर घर और वहां रहने वालों के बारे में एक फाइल तैयार करने का हुक्म जारी किया गया है। मालूम हो कि शहर के पुराने बसे हिस्से में ज्यादातर आबादी मुस्लिमों की है।
हर घर में रहने वाले लोगों की जांच की जाएगी और सबका पसमंज़र के बारे में तफ्सील से जांच होगी। आफीसरों ने बताया कि एजाज की गिरफ्तारी के बाद मरकज़ की ओर से भेजी गई खुफिया मालूमात के मुताबिक यह कदम उठाया जा रहा है।
मुल्कभर में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की तरफ से कराए जा रहे जासूसी कांड के सामने आने के बाद काफी एहतियात बरता जा रहा हैं। डीजीपी आर.के.एस ठाकुर ने हफ्ते के रोज़ बताया कि, ‘बरेली में 40 से ज्यादा रिटायर्ड डीसीपी रहते हैं। हमने उन्हें इस काम में शरीक करने का फैसला किया। उनसे बेहतर इस काम के लिए कौन हो सकता है?’
उन्होंने कहा कि रिटायर्ड डीसीपी को इस काम में इसलिए शामिल किया जा रहा है कि पहले से ही पुलिस महकमा में आफीसरों की कमी है। उन्होंने कहा कि तजुर्बेकार आफीसर्स इस काम को बेहतर तरीके से कर सकते हैं। इससे उन जूनियर आफिसर्स के लिए भी काम काफी आसान हो जाएगा जो कि जांच में शामिल हैं।
हर पुलिस स्टेशन में 20 कॉन्सटेबल और सब इंस्पेक्टरों को एक रिटायर्ड डीसीपी के मातहत रखा जाएगा। इस टीम के पास एक महीने में 1,000 घरों और उसमें रहने वाले लोगों की जांच का काम होगा।
इस मुहिम के तहत पुलिस टीम पुराने शहरी इलाके में वाके हर घर का दौरा करेगी और वहां रहने वाले लोगों का ब्योरा जमा करेगी। इसमें मुस्तकिल पता, फिंगर प्रिंट, फोटो जैसी चीजें लेना शामिल है। इसका रिकॉर्ड मुकामी पुलिस थाने में रखा जाएगा। पुलिस अहलकारों की मौजूदगी में रिहायशियों को जांच से मुताल्लिक एक फॉर्म भी भरना होगा।
राठौड़ ने कहा कि यह मुहिम बरेली में कामयाब साबित होती है, तो इसे बाकी जिलों में भी लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘बाकी जिलों में हम रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टरों की खिदमत लेंगे।’