उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने और धुर्वीकरण की कोशिश कर रहे हैं। इसका सीधा उदाहरण प्रधानमंत्री मोदी द्वारा महोबा की रैली में दिए गए भाषण में दिखा।
सोमवार को उत्तर प्रदेश के महोबा में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक़ पर अपना पक्ष साफ़ किया और समान आचार संहिता “एक देश एक कानून” के तहत लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि “अगर कोई फ़ोन पर तीन तलाक़ कह देता है तो एक मुस्लिम बिटिया की जिंदगी बर्बाद हो जाती है।
मोदी ने मुस्लिम महिलाओं कि जिंदगी सवारने की बात बिना किसी हिचकिचाहट के कही। मोदी जब मुस्लिम महिलाओं के हक़ और अधिकार की बात कर रहे थे तब उनके विरोधी इस बात पर हस रहे थे कि मोदी खुद अपनी पत्नी की बात क्यों नहीं करते हैं। मोदी तीन तलाक़ को मुद्दा बना कर और यूसीसी को लागू करने की बात कर के चुनावी धुर्वीकरण करना चाहते हैं।
युसीसी एक ऐसा मुद्दा है जिसे साम्प्रदायिक धुर्वीकरण के लिए हमेश इस्तेमाल किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी का मुस्लिम महिलाओं के प्रति प्रेम अचानक ने जाग गया है ऐसे में मोदी पहले इन महिलाओं के हक़ और अधिकार की बात करें।
जकिया जाफ़री,
जकिया जाफ़री 2002 के दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी हैं। एहसान जाफ़री को 2002 में गुजरात दंगो को दंगाइयों ने अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में जिन्दा जला कर मार डाला था। चश्मदीद गवाह के अनुसार सोसाइटी के बाहर खड़ी भीड़ को देख कर एहसान जाफ़री ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को फ़ोन कर मदद मांगी लेकिन जवाब में कथित गली मिली और और मोदी ने कहा तुम्हे अब तक मर जाना चाहिए था। तब से जकिया जाफ़री अपने पति के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ रही हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुस्लिम औरत की कोई मदद नहीं की।
नरोदा पाटिया पीड़ितों में भी हज़ारों मुस्लिम बिटिया, माँ और बहन की जिंदगी बर्बाद हुई, प्रधानमंत्री मोदी को पहले इन मुस्लिम औरतों के लिए हक़ और अधिकार की बात करनी चाहिए।
दिल्ली से सटे हरियाणा के मेवात में 25 अगस्त 2016 को कथिततौर पर गौरक्षकों द्वारा सज़ा के तौर पर उनके साथ गैंग रेप किया गया था। ठीक इसी तरह कश्मीर में भी इंशा मालिक को सुरक्षा कर्मियों ने पेलेट गन से इतनी गोली मारी की उसकी दाई आँख फैट गयी और बाई आँख छिल गयी है जससे वो दुबारा नहीं देख पायेगी। जब के ईशा मालिक ना तो पत्थर फ़ेंक रही थी ना ही किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने गयी थी।
ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिसे यह पता चलता है कि मोदी का मुस्लिम प्रेम झूठा है। आगे वे मुस्लिम औरतों की जिंदगी की इतनी परवाह करते हैं तो पहले वे इन औरतों की जिंदगी बर्बाद नहीं करते और कम से कम बाद में उसकी भरपाई करते हुए उनकी मदद तो कर देते।