मुस्लिम ख्वातीन को भी मिले हेलमेट पहनने की छूट

सिख ख्वातीन के बाद अब दो पहिया गाड़ी चलाने और पीछे बैठने वाली मुस्लिम ख्वातीन को भी हेलमेट पहनने से छूट देने की मांग उठने लगी है। महकमा ट्रांस्पोर्ट के आफीसरो का कहना है कि कुछ मुस्लिम तंज़ीमो ने यह मांग की है। इस पर आखिरी फैसला नायब गवर्नर नजीब जंग लेंगे।

महकमा ट्रांस्पोर्ट ने दोपहिया गाड़ी चलाने व पीछे बैठने वालों के लिए 2 मई को हेलमेट लाज़मियत से मुताल्लिक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर लोगों के ऐतराज़ व सुझाव मांगे थे। महकमा के इस कदम का सिख तंज़ीमो ने एहतिजाज किया और सिख ख्वातीन को इससे छूट देने की मांग की।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी ने महकमा ट्रांस्पोर्ट के आफीसरों के साथ ही नायब गवर्नर को भी खत लिखकर सिखों की मजहबी जज़्बातो को ध्यान में रखकर कोई फैसला करने की मांग की। बताया जाता है कि सिख त‍ंज़ीमो के एहतिजाज की वजह से ही महकमा ट्रांपोर्ट ने सिख ख्वातीन को हेलमेट पहनने की लाज़्मियत से छूट देने का फैसला किया है। हालांकि, इस ताल्लुक में अभी नोटिफिकेशन जारी नहीं की गई है।

वहीं मुसलमानों ने भी बुर्का पहनने वाली ख्वातीन के लिए छूट देने की मांग शुरू कर दी है। महकमा ट्रांस्पोर्ट के आफीसरो ने बताया कि कुछ मुस्लिम तंज़ीमो ने हेलमेट लाज़्मियत पर ऐतराज़ आपत्ति जताया है। उनका कहना है कि बुर्का पहनने वाली ख्वातीन के लिए हेलमेट पहनना मुम्किन नहीं है। अगर वह हेलमेट पहनती हैं तो उन्हें देखने में दिक्कत होगी, इससे वह हादिसा का शिकार हो सकती हैं।

इसलिए इन्हें इस कानून से छूट मिलनी चाहिए। महका के आफीसरो ने बताया कि मुस्लिमों के इस ऐतराज़ के साथ ही हेलमेट लाज़्मियत को लेकर दिगर लोगों व तंज़ीमों के सुझाव नायबगवर्नर नजीब जंग को भेज दिए गए हैं। वहीं, यह शक जताया जा रहा है कि सिखों की तरह मुस्लिमों में भी हेलमेट की लाज़्मियत का एहतिजाज बढ़ सकता है।

———–बशुक्रिया: जागरण