मुस्लिम देशों की जमीन दखल करने की नीति इजरायल के लिए बेहद खतरनाक साबित होंगे!

लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने गोलान हाइट्स पर इस्राईल के अतिग्रहण को औपचारिक रूप से स्वीकार करने के अमरीकी राष्ट्रपति के क़दम को पूरे इस्लामी जगत का अपमान बताया है।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने मंगलवार को अवैध अधिकृत गोलान पहाड़ियों के बारे में ट्रम्प के हालिया शत्रुतापूर्ण क़दम पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा कि गोलान के खिलाफ अमरीकी क़दम, पश्चिमी एशिया में शांति की प्रक्रिया के लिए भारी अघात है। उन्होंने कहा कि ट्यूनेशिया में अरब नेताओं के अगले शिखर सम्मेलन में अरब शांति समझौते की प्रस्ताव को वापस लिया जाना चाहिए।

लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन के महासचिव ने इसी प्रकार अमरीकी विदेशमंत्री की हालिया लेबनान यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि अमरीकी विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने लेबनान की यात्रा के दौरान, देश की ज़मीनी सच्चाईयों के अनुसार एक भी सच्ची बात नहीं की और उन्होंने अपनी इस यात्रा में बस हिज़्बुल्लाह व ईरान के खिलाफ कुछ खोखले दावे किये और झूठ बोला।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने इस बात पर बल देते हुए हिज़्बुल्लाह गत 34 वर्षों से लेबनानी राष्ट्र की सुरक्षा कर रहा है कहा कि अमरीका, इस्राईल के अतिग्रहण को मज़बूत करना और लेबनानी राष्ट्र को कमज़ोर करना चाहता है।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने बल दिया कि ईरान, लेबनान के विकास और स्थिरता के लिए हिज़्बुल्लाह के साथ खड़ा है। उन्होंने यमन पर सऊदी अरब के हमले की बरसी का भी उल्लेख किया और कहा कि यमन के विभिन्न नगरों में जनता की रैलियों से अतिक्रमणकारियों के सामने उनके संकल्प, ठोस इरादों और संघर्ष का पता चलता है।