मुंबई 31 अगस्त: एनसीपी सरबराह शरद पवार ने महाराष्ट्रा एटीएस पर मुस्लिम नौजवानों को महिज़ शुबा की बुनियाद पर दहशत-ज़दा करने और उन्हें गै़रक़ानूनी तौर पर महरूस रखने का इल्ज़ाम आइद किया।
उनके बयान पर बीजेपी और मजलिस इत्तेहाद उलमुस्लिमीन ने नुक्ता-चीनी करते हुए कहा कि वो सियासी फ़ायदे के लिए मौक़ा परसताना मौकुफ़ इख़तियार कर रहे हैं। शरद पवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुख़्तलिफ़ मुस्लिम तन्ज़ीमों के एक वफ़द ने उनसे हाल ही में मुलाक़ात की और मुस्लिम नौजवानों को आई एस या दुसरे ममनूआ तन्ज़ीमों से रवाबित के महिज़ शुबा की बिना दहशत-ज़दा करने पर तशवीश का इज़हार किया।
शरद पवार ने बताया कि मुख़्तलिफ़ मुस्लिम तन्ज़ीमों की नुमाइंदगी कर रहे इस 28 रुकनी वफ़द ने ये शिकायत भी की कि एटीएस , मुस्लिम नौजवानों को दहशत-ज़दा कर रही है। इस वफ़द ने आईएस की सख़्ती से मुज़म्मत की और कहा कि मुस्लिम तबक़ा से ताल्लुक़ रखने वाले नौजवान कभी उस की सरगर्मीयों की ताईद नहीं करते।
शरद पवार ने दावा किया कि एसी कई मिसालें खास्कर मरहटवाड़ा इलाके में सामने आएं जहां मुस्लिम नौजवानों को इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी स्क्वाड (एटीएस) ने शुबा की बुनियाद पर पकड़ा और उन्हें गै़रक़ानूनी हिरासत में रखा। क़ानून के मुताबिक़ किसी शख़्स को गिरफ़्तार करने के अंदरून 24 घंटे मजिस्ट्रेट के रूबरू पेश करना ज़रूरी है, लेकिन ऐसे कई वाक़ियात सामने आए कि 120 घंटे गुज़रने के बावजूद भी महरूस लोगों को यक्का-ओ-तन्हा और नामालूम मुक़ाम पर रखा गया।
उन्होंने कहा कि हुकूमत को इस मुआमले का संजीदगी से जायज़ा लेना चाहीए। शरद पवार के बयान पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए बीजेपी तर्जुमान माधव भंडारी ने कहा कि एनसीपी लीडर ने अक्सर फ़िर्क़ापरसताना और ज़ात पात पर मबनी सियासत की है लिहाज़ा उन्हें दूसरों को सबक़ देने का कोई अख़लाक़ी हक़ नहीं है।
मजलिस इत्तेहाद उलमुस्लिमीन के रुकने असेंबली वारिस पठान ने कहा कि शरद पवार को एक किस्म का ख़बत है और उन्होंने ये जानना चाहा कि जिस वक़्त वो (शरद पवार) रियासत में इक़तिदार पर थे , उन्होंने बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों को झूटे मुक़द्दमात में फांसने से रोकने के लिए क्या-किया? मालेगांव मुक़द्दमा का हवाला देते हुए पवार ने कहा कि मुस्लिम नौजवानों को 8 साल जेल में गुज़ारने के बाद अदालत ने बरी कर दिया।
उन्होंने कहा कि ऐसा दूसरों के साथ नहीं होना चाहीए। बीजेपी तर्जुमान ने कहा कि एनसीपी लीडर चंद दिन से दो फ़िर्कावाराना कार्ड्स खेल रहे हैं। मजलिस के वारिस पठान ने कहा कि शरद पवार ये भूल गए उनकी हुकूमत में ही औरंगाबाद और मालेगांव मुक़द्दमात दर्ज किए गए थे। इन मुक़द्दमात में पाँच ता छः साल चार्ज शीट क्युं दाख़िल नहीं की गई। इस वक़्त पवार हुकूमत ने कोई कार्रवाई क्युं नहीं की जबकि बेशुमार बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों की ज़िंदगी अजीरन बन रही थी।