हैदराबाद 26 दिसंबर:ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना खालिद सैफ-उल्लाह रहमान ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के ताल्लुक़ से गलत तास्सुर को हटा दिया जाए देश में मुसलमानों के साथ साथ गैर मुस्लिम भी पर्सनल लॉ के बारे में जो ग़लतफ़हमी पैदा किया जा रहा है इसे ज़हन से नकाल देने की जरूरत है।
चंद अनासिर ग़लतफ़हमी फैलाकर तबक़ात में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मौलाना खालिद सैफ-उल्लाह रहमान ने कहा कि मुसलमानों के लिए मौजूदा कानून इतमीनान बख़श है उसमें बदलाव नहीं लाई जाए। खालिद सैफ-उल्लाह रहमानी और ज़फरयाब जिलानी भी औरंगाबाद में मौजूद हैं जहां वह मुस्लिम पर्सनल लॉ पर दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
ज़फरयाब जिलानी ने कहा कि शरीयत में हरचीज़ शामिल है। कुछ लोग अफ़्वाहें फैला रहे हैं। पर्सनल लॉ से संबंधित गलत बयानी से काम लेकर क़ौम को फूट का शिकार बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भी ख़्याल गलत है कि एक मुसलमान मर्द चार पत्नियां रख सकता है। किसी कारण के बिना इसे चार शादियां करने की अनुमति है।
अज़दवाजी ज़िंदगी में एक दूसरे के साथ प्यार मुहब्बत इख़लास जब तक रहेगा ये शादी अटूट होगी। जब नफरत पैदा होती है और निरंतर कोशिशों के बावजूद दोनों पति-पत्नी में सुलह का कोई इम्कान न रह जाए तो उसके लिए एक मात्र तरीका तलाक होता है।
उन्होंने मुस्लिम तबक़ा के विभिन्न गोशों से अपील की के वे अपने अंदर मुस्लिम पर्सनल लॉ के गलत तास्सुर को दूर करके एकजुट हो जाएं याद रहे कि देश भर में पिछले कुछ महीनों से तीन तलाक के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस सिलसिले में विभिन्न संगठनों और महिला समूहों ने अदालत से रुजू होकर तीन तलाक को खत्म करने पर जोर दिया है। देश में समान नागरिक कोड के कार्यान्वयन के लिए मोदी सरकार भी प्रयास कर रही है।