बेंगलुरु। मुस्लिम पर्सनल लॉ से संबंधित लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए और हर तरह की बारीकियों के बारे में बताने के लिए फलाह रिसर्च फाउंडेशन ने अभियान चलाने का फैसला किया है। बेंगलुरु में फ़लाह रिसर्च फाउंडेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष फ़तह उल्लाह ने कहा है कि शरई कानून क्या हैं, वह लागु कब और कैसे होते हैं, इस संबंध में बहुत कम लोग जानते हैं। इसलिए फ़लाह रिसर्च फाउंडेशन ने विभिन्न शहरों में जागरूकता सम्मेलन और ऑनलाइन अभियान चलाने का फैसला किया है।
न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार उन्होंने यह क़दम ट्रिपल तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट और सरकार के रुख को देखते हुए उठाया है जहाँ मुस्लिम समाज और शरीयत को टारगेट किया गया है, कई न्यूज़ चैनल्स के अलग अलग रुख से लोगों में बहुत सारी गलत फहमियां उत्पन्न हुई हैं इस लिए इस अभियान के तहत शरई क़ानून के बारे में और मुस्लिम पर्सनल लो के बारे में बताया जायेगा.
इस कड़ी की पहली बैठक बेंगलुरु के दारूस्सलाम में 16 अक्टूबर को आयोजित किया गया है। इस बैठक से फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ। सैयद फजलुल्लाह चिश्ती संबोधित करेंगे।