मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दी वसीम रिज़वी को चेतावनी, कहा- ‘केस दर्ज होगा’

वसीम रिजवी के पत्र से खफा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और विवादित बाबरी मस्जिद के वकील जफरयाब जिलानी ने श्री रिजवी के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने की चेतावनी दी है।

श्री जिलानी ने श्री रिजवी के पत्र को असंवैधानिक करार दिया और कहा कि संसद ने कानून बना दिया है कि सभी धर्मों के पूजास्थल 15 अगस्त 1947 की स्थिति में ही रहेंगे। ऐसे में श्री रिजवी ने पत्र लिखकर संविधान का भी उल्लंघन किया है।

मालूम हो कि अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर बनाए जाने का समर्थन करने वाले शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी ने ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड से मुगल शासकों द्वारा हिंदू मंदिर तोड़कर बनाए गए मस्जिदों/ढांचों के जायज होने को लेकर सवाल किया था। रिजवी ने पूछा है कि क्या मंदिर तोड़कर बनाए गए किसी ढांचे को वैध माना जा सकता है?

मीडिया से बात करते हुए वसीम रिजवी ने कहा था कि ‘मैंने ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड से अयोध्या में बने 9 मस्जिदों के बारे में पूछा है। इतिहासकारों के मुताबिक मुगल शासकों ने हिंदू मंदिर तोड़कर बनाए थे।

मैंने सवाल उठाया है कि अगर विवादित मस्जिद भी ऐसी जगह बना है और या फिर इसी तरह कहीं और, तो क्या इसे वैध और जायज ढांचा माना जाएगा?’