मुस्लिम पशु व्यापारियों की हत्याकांड पे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने दी सरकार को रिपोर्ट

रांची :राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने दी सरकार को रिपोर्ट पेश कर दी है आयोग ने अधिकारियो की भूमिका और बहरी तत्वों द्वारा दंगा फैलाने की योजना पर विस्तृत रूप से रिपोर्ट पेश की है
देहरादून से आया था कांड करने मुख्य साजिशकर्ता
लातेहार के बालूमाथ में पशु व्यापारियों की हत्या कर पेड़ पर टांगने की घटना का मूल कारण देहरादून से आनेवाला एक व्यक्ति था. वह वर्ष 2012 से लातेहार में आकर सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने का काम कर रहा था. इसके अलावा रामनवमी के दौरान हजारीबाग में हुए दंगे का मुख्य कारण उत्तेजक नारेबाजी और जुलूस में शामिल लोगों पर प्रशासन का नियंत्रण न होना था. रिपोर्ट में लातेहार के बालूमाथ में हुई घटना के लिए देहरादून से आनेवाले एक व्यक्ति को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है. वह व्यक्ति वर्ष 2012 से इस इलाके में आकर दोनों समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने का काम कर रहा था. आयोग ने दोनों घटनाओं में पीड़ित पक्षों को मुआवजा देने की अनुशंसा की है.
प्रशासन ने कार्यवाही नही की
बालूमाथ की घटना में चंदवा थाना के तत्कालीन प्रभारी रतन कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. पशु व्यवसायियों की हत्या कर पेड़ पर टांगने की घटना से पहले भी इसी व्यक्ति की वजह से वहां पशु व्यवसायियों को प्रताड़ित किया जाता रहा है. उनके साथ पहले भी मारपीट की घटना होती रही है. इस तरह की घटनाओं की शिकायत लेकर पीड़ित पक्ष थाना भी जाया करते थे, लेकिन पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की. पुलिस की निष्क्रियता की वजह से बाद में दो लोगों की हत्या की घटना हुई. पशु व्यवसायियों की हत्या के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर विरोध किया. इस दौरान पुलिस अधिकारी रतन कुमार सिंह ने लोगों के साथ अभद्र व्यवहार किया और समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया. इसलिए सरकार इस अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई करे.

रिपोर्ट में हजारीबाग की घटना का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि यहां एक समुदाय विशेष के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नारे पहले से लगाये जाते रहे हैं. वर्ष 2016 में नारों के साथ-साथ धार्मिक उन्माद भड़काने वाले गाने भी बजाये जाने लगे. जुलूस में शामिल कुछ लोग शराब के नशे में धुत थे. ऐसे में धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नारों से वे प्र‌भावित हो गये और सांप्रदायिक हिंसा की शुरुआत हुई.