जमीयत-उल-उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलना अरशद मदनी कहा कि मुस्लिम राजनीतिक दल मुस्लिम समुदाय के लिए फायदेमंद नहीं हैं |
गुरुवार को शहर की अपनी यात्रा के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बजाय मुस्लिम राजनीतिक दलों को बढ़ावा देने के, समुदाय को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रीय दलों का समर्थन करना चाहिए।
समुदाय में शामिल होने या धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रीय दलों का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पार्टियों का एकजुट होना देश में सांप्रदायिक ताकतों को और मजबूत करेगा। असम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मौलाना बदरुद्दीन अजमल की ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) की वजह से राज्य में भाजपा और बलों को मजबूत किया है। इसलिए, उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लिए अपने स्वयं के राजनीतिक दल होने का विचार नहीं करना चाहिए |
मौलाना ने कहा की मुसलमानों को भारत माता की जय कहने में कोई हर्ज़ नहीं था लेकिन वो उन फतवों को भी ग़लत नहीं ठहराते हैं जो इसके खिलाफ दिए गये थे |
मौलाना अरशद मदनी ने देश में मुस्लिम आरक्षण की ज़रुरत पर जोर देते हुए कहा कि वाईएसआरसीपी अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने 4% मुस्लिम आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने पर मदद की पेशकश की है |