नई दिल्ली: 32 वर्षीय सांची (बदला हुआ नाम) को उसके माता पिता ने सात साल तक सिर्फ़ इसलिए घर में नज़रबंद रखा कि वह अपने मुस्लिम सहपाठी से प्रेम करती थी |
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, 32 वर्षीय योग्य होमियोपैथ डाक्टर को उसके माता पिता ने उसके सहपाठी के साथ संबंध के साथ पता चलने के बाद 14 अगस्त, 2009 के बाद से बंधक बनाकर घर में ताला लगा कर रखा हुआ था| उसके द्वारा इंटरनेट और टेलीफोन के इस्तेमाल पर भी पाबन्दी लगायी हुई थी |
साँची ने दिल्ली महिला आयोग की महिला हेल्पलाईन 181 पर कॉल कर ख़ुद को मुक्त कराने के की गुहार लगायी|
द हिंदु से बात करते हुए साँची ने कहा कि मुझे बेहद शर्म और अफ़सोस है कि मेरे घर वालों ने मुझे सात साल तक बंधक बना कर रखा | उसने बताया कि मुझे मेरे पिता पीटते थे माँ आत्महत्या करने के लिए कहती थी मुझे धमकी दी जाती थी अगर मैंने घर से भागने की कोशिश कर परिवार वालों की बेईज्ज़ती की मुझे जान से मार दिया जायेगा |
उसने बताया कि मेरे माता पिता मुझे रोज़ाना अखबार में लव जिहाद के बारे में समाचार या अन्य लेख दिखाकर कहते थे कि तुम्हारा प्रेमी भी तुम्हारे लिए ऐसी साज़िश रच रहा है | जब मेरे पास करने के लिए कुछ नहीं बचा मैंने कुकिंग को अपना शौक बना लिया |एक दिन जब मेरी माँ शॉवर लेने के लिए गयीं मैंने बचने का मौक़ा देखा और जल्दी से अपनी माँ के फ़ोन से महिला हेल्पलाईन 181 पर कॉल की मेरे पास अपनी बात कहने के लिए सिर्फ़ 10 मिनट थे |
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की सदस्य प्रोमिला गुप्ता ने बताया कि उन्होंने फ़ोन पर पहला शब्द यही सुना था “कृपया मुझे बचा लीजिये” |
सांची ने बताया है कि उसने सात साल पहले अपने प्रेमी से बात की थी और कहा कि अगर उसके प्रेमी कहीं चला गया है तो वह उसे नहीं ढूँढेगी और मैं उसे कोई दोष भी नहीं दूंगी क्यूँकि उसके पास सात साल के लंबे अरसे तक मेरे से संपर्क करने का कोई रास्ता नहीं था |
वर्तमान में वह डीसीडब्ल्यू के आश्रय में रह रही है और उसने माता-पिता के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है।