मुस्लिम हलक़ों की तरक़्क़ी वमसाइल के हल केलिए हरवक़त तय्यार

अहलीयान मुहल्ला पावन की जानिब से एक तहनेती जलसा 16 सितंबर बरोज़ इतवार बादनु माज़ अस्र मुनाक़िद कियागया ।जिसमें मुहम्मद असग़र चुलबुल सदर गुलबर्गा शुमाल ,वरकन असैंबली गुलबर्गा शुमाल अल्हाज क़मर उल-इस्लाम को तहनियत पेश की गई।

सय्यद रुकन उद्दिन् पाशाह मदल ने इस्तिक़बालीया तक़रीर करते हुए मुंदरजा बाला दोनों अश्ख़ास को भरपूर ख़राज तहसीन पेश की और अहलीयान मुहल्ले के मसाइल से वाक़िफ़ करवाया। जनाब मुहम्मद असग़र चुलबुल अपने ख़्यालात का इज़हार करते हुए कहा के वो अरसा-ए-दराज़ से मुहल्ले पावन के मसाइल(मुश्किलत) से वाक़िफ़ हैं। उन्हों ने बताया के हलक़ों की जदीद हदबंदियों के मौक़ा पर ये हलक़ा नंबर14 वार्ड से जुड़ा हव‌ था।

इस वक़्त इस मुहल्ले का क़ब्रिस्तान का अहलीयान मुहल्ला के साथ मइना किया तो देखा के क़ब्रों में नालियों का पानी दाख़िल होरहाथा। जिस पर उन्होंने कारपोरेशन के हेल्थ ऑफीसर अभए कुमार को फ़ौरन तलब किय फ़ौरन GCB के ज़रीया वहां पर कच्ची बरसाती नाली का काम शुरू किया जिस की बिना पर क़ब्रों में पानी का दाख़िल होना बंद हव‌।असग़र चुलबुल ने मज़ीद कहा के इस वक़्त उन्हों ने अहलीयान मुहल्ला से वाअदा कियाथा के वो इस कच्ची बरसाती नाली को अल्हाज क़मर उल-इस्लाम से नुमाइंदगी(बत्) करके मुस्तक़िल बरसाती नाली में तब्दील करवाएंगे चुनांचे आज ये बरसाती नाली जिसकी लागत 30 लाख रुपय की है जिसको अल्हाज क़मर उल-इस्लाम ने सी एम पियाकेच के ज़रीया मुकम्मल करवाया।

उन्हों ने मज़ीद बताया के वो अल्हाज क़मर उल-इस्लाम से मुहल्ले केकबरसतान की हिसारबंदी केलिए 20 लाख रुपय पर मंज़ूर करवाए हैं जिस का टनडर होचुका है। अनक़रीब काम का आग़ाज़ होगा। उन्हों ने बताया के अहलीयान मुहल्ला काएक देरीना मुतालेबा है के इस मुहल्ला से एक रास्ता निकाला जाय जो नई आबादी ओरपुरानी आबादी को जोड़े अहलीयान मुहल्ला को यक़ीन दिलाया और कहा के इस सिलसिले में अल्हाज क़मर उल-इस्लाम और उन्हों ने सज्जादा नशीन हज़रत ख़्वाजा बंदानवाज़ अलैहि अलरहमा हज़रत डाक्टर सय्यद शाह ख़ुसरो हुसैनी साहिब से दरख़ास्त की है और साहिब मौसूफ़ ने यक़ीन दिलाया है के वो अनक़रीब इस मुहल्ला का मइना करके रास्ता की राह हमवार करवायेंगे। जनाब अल्हाज क़मर उल-इस्लाम ने अपनी तक़रीर में कहा के वो मुस्लिम हलक़ों के मसाइल के हल केलिए हरवक़त कोशिशों में मसरूफ़ रहते हैं।

उन्हों ने कहा के सी एम पियाकैच में मुस्लिम इलाक़ों को फंड्स जारी करने केलिए काफ़ी जद्द-ओ-जहद वमशक़त करनी पड़ी तब जाकर ये फंड्स जारी हुए हैं। जिसकी बिना पर आज शहर में कई मुस्लिम क़ब्रिस्तानों की हिसारबंदी अमल में आई और सड़कें जो ख़स्ता हालत में थी दरुस्त कर लें गई। और कई पानी टांकीयां और बरसाती नालियां मुकम्मल कर लें गई। और कई रास्तों की दरूस्तगी का काम जारी है।

जलसा से क़बल अल्हाज क़मर उल-इस्लाम ने बरसाती नाली का इफ़्तिताह किया जो मुकम्मल होचुकी है इस जलसा में दीगर मेहमानों में सय्यद अहमद चीरमीन वर्क़्स कमेटी ,ज़ोनल कमिशनर जाधव, अबदालाज़ेम ,अबदुर्रहीम ,आदिल सुलेमान सेठ ,ख़ुसरो जागरदार के इलावा अहले इन मुहल्ला की कसीर तादाद जिसमें काबिल-ए-ज़िकर बाबू मियां ,प्रधान ,शरीफ साहिब ,बबलू ,मुहम्मद सादिक़ ,यूनुस अली , मुहम्मद का दर, से दो अह्द, मुहम्मद वासिद, मुहम्मद नसीर,मुहम्मद नवाब ,छोटू मियां ,मुतय्यन वगैरह मौजूद थे। बाबू मियां के शुक्रिया से तहनेती जलसा का इख़तताम(कतम्) हुव‌।