हैदराबाद 06 जनवरी: मुस्लिम क़ाइदीन और मुस्लिम आला ओहदादार मुसलमानों की तरक़्क़ी-ओ-फ़लाह के लिए हुकूमतों को ठोस तजावीज़ पेश करने में नाकाम रहे, जिसकी वजह से मुसलमानों की पसमांदगी दूर नहीं हुई। इन ख़्यालात का इज़हार तहसील ऑफ़िस सदसिव्पेट के रूबरू मुख़्तलिफ़ तन्ज़ीमों की तरफ से 12 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात के ज़िमन में मुनाक़िदा एक रोज़ा भूक हड़ताल कैंप से ख़िताब करते हुए आमिर अली ख़ां न्यूज़ एडीटर रोज़नामा सियासत ने किया।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को दूसरों से ज़्यादा अपनों से नुक़्सान पहुंचा है। वज़ारतों और एवानों में नुमाइंदगी करने वाले क़ाइदीन और दुसरे बारसूख अफ़राद ने मुसलमानों की पसमांदगी दूर करने के लिए हुकूमत से ठोस नुमाइंदगी नहीं की और ना ही मसाइल की यकसूई के लिए तजावीज़ पेश कीं।
इसी तरह मसाइल की यकसूई के लिए दरपेश हालात को चीफ़ सेक्रेटरीज़ या चीफ़ मिनिस्टर्स से रुजू नहीं किया और ना ही उन्हें हल करने में दिलचस्पी-ओ-जुर्रतमंदी से काम लिया, जिसका ख़मयाज़ा आज मुसलमानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एससी, एसटी और बी सी क़ाइदीन-ओ-आला ओहदेदारों की ख़िदमात का जायज़ा लें तो पता चलता है कि वो जमाती वाबस्तगी से बालातर हो कर अपने मसाइल हल करने में एक प्लेटफार्म पर जमा होने के अलावा हुकूमतों को तजावीज़ पेश करते और उन्हें मनवाते रहे, जब कि इन तबक़ात के आला ओहदेदार भी अपने तबक़ात के मसाइल हल करने में ख़ुसूसी दिलचस्पी दिखाते हैं।
आमिर अली ख़ां ने कहा कि टी आर एस ने अपने चुनाव मंशूर में इक़तिदार हासिल होने के बाद चार माह के अंदर 12 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने का वादा किया था, मगर 19 माह गुज़रने के बावजूद टी आर एस हुकूमत अपना वादा पूरा नहीं करसकी, जिसको याद दिलाने के लिए रोज़नामा सियासत की तरफ से मुस्लिम तहफ़्फुज़ात तहरीक का आग़ाज़ किया गया, जो आज मुसलमानों के तआवुन से मुस्तहकम हो रही है।
उन्होंने कहा कि वो तेलंगाना के तमाम अज़ला में अंदरून तीन माह मुस्लिम तहफ़्फुज़ात तहरीक को कामयाब बनाने और मुसलमानों में शऊर बेदार करने की ग़रज़ से 15 हज़ार किलो मीटर का सफ़र कर चुके हैं, जब कि बी सी कमीशन की तशकील तक रोज़नामा सियासत की ये जद्द-ओ-जहद जारी रहेगी।