मुस्लिम ख़वातीन के लिए शहरीयत का हुसूल मुश्किल

टोरंटो १४ दिसम्बर: (पी टी आई) कनेडा की शहरीयत की ख़ाहिशमंद ख़वातीन के बुर्क़ा या इस्लामी हिजाब पहनने पर इमतिना आइद करदिया गया है।

वज़ीर इमीग्रेशन जैन केनी ने कहा कि वो शहरीयत की हलफ़ बर्दारी के वक़्त इस्लामी बुर्क़ा या हिजाब नहीं पहन सकतीं। वज़ीर इमीग्रेशन ने कल इस इक़दाम का ऐलान किया था।

उन्हों ने कहा कि नए शहरीयों की तक़रीब हलफ़ बर्दारी के मौक़ा पर अगर चेहरा पोशीदा हो तो उन की मुकम्मल शनाख़्त नहीं की जा सकती इस लिए ये इक़दाम ज़रूरी है। मोण्ट्रियाल गज़्ट की इत्तिला के बमूजब इस इमतिना पर इस्लामी बिरादरी में वसीअ पैमाना पर अंदेशे पैदा होगए हैं कि दीगर मौक़े पर भी इसी किस्म का इमतिना आइद किया जा सकता है।

कनेडा अब फ़्रांस, बेल्जियम, आस्ट्रेलिया और नीदरलैंड्स जैसे ममालिक की फ़हरिस्त में शामिल होगया है, जिन्हों ने ख़वातीन के बरसर-ए-आम चेहरा पोशीदा रखने पर इमतिना आइद किया है। आस्ट्रेलिया में ऐसा इमतिना सिर्फ दो रियास्तों में आइद किया गया है।

वज़ीर इमीग्रेशन ने कहा कि ख़वातीन के चेहरे छिपाने के बारे में गलतफहमियां पाई जाती हैं। उन्हों ने कहा कि नए शहरीयों को दीगर साथी शहरीयों के सामने पूरी तरह नज़र आते हुए शहरीयत का हलफ़ उठाना चाहीये। इस पाबंदी के पसेपर्दा एहसास है।

जैसन केननी ने कहा कि उन्हें क़ानूनसाज़ अरकान और जज्स की शिकायात वसूल हुई हैं, जिन्हों ने कहा है कि उन्हें ये जानने में मुश्किल होती है कि जो अफ़राद अपने चेहरे निक़ाब में पोशीदा रखे हुए हैं, दरहक़ीक़त हलफ़ के अलफ़ाज़ अदा कर रहे हैं या नहीं।

कंज़रवेटिव पार्टी के एक वज़ीर ने कहा कि इस मसला की गहराई तक पहुचना ज़रूरी है, जो कनेडा की बहैसीयत मुलक शनाख़्त के क़लब तक पहुंचेगा। कनेडा की शफ़ाफ़ियत और मुसावात के सिलसिला में क़दर की जाती है।

गज़ट में सदर मुस्लिम कौंसल मोण्ट्रियाल सलाम उलमानवी अलमीनयावी के ब्यान का हवाला देते हुए ख़बर दी गई है कि उन्हों ने इस इमतिना को कंज़रवेटिव हुकूमत की कैनेडा के मुस्लमानों को तक़सीम करने की कोशिश क़रार दिया है।

वज़ीर ने ये ऐलान फ़्रांसीसी बोलने वाली अक्सरीयत के सूबा क्यूबिक में किया, जहां ये मुबाहिसा जारी है कि कनेडा को इस हदतक नए आने वालों को गुंजाइश फ़राहम करने केलिए अपने उसूलों में लचक पैदा करनी चाहीये हालाँकि इस इमतिना पर फ़ौरी अमल आवरी शुरू होजाएगी लेकिन वज़ीर इमीग्रेशन ने तीक़न दिया कि ओहदेदार ख़वातीन को बरसर-ए-आम निक़ाब पहनने पर इमतिना आइद करने केलिए क़ानूनसाज़ी का कोई इरादा नहीं रखती।