मुस‌लमान अपने खुद के ख़र्च‌ से हज करना चाहते हैं

* सब्सीडी खत्म करने के बाद हुकूमत कोई बहतर‌ निज़ाम बनाने तैयार , सलमान ख़ुर्शीद का ब‌यान
नई दिल्ली । हज सब्सीडी को मरहला वार अंदाज़ में खत्म‌ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की हिदायत कि वजह से हुकूमत ने आज कहा कि हज का मुकद्दस सफर वहां जाने कि ताकत रखने वाले लोगों पर जरूरी होता है जबकि इस ने हज कारपोरेशन बनाने की तजवीज़ पर ग़ौर करने के लिए अपनी आमादगी ज़ाहिर की है।

वज़ीर अकलिय‌ती उमूर(केंद्रीय विधि मंत्री) सलमान ख़ूर्शीद ने यहां अख़बारी नुमाइंदों को बताया कि हुकूमत ने चार साल पहले आम लोगों और उल‌मा से मश्वरा करने के बाद फैसला किया था। कई लोगों का एहसास है कि हज सिर्फ उन लोगों के लिए ज़रूरी है जो ये सफ़र अपने ज़ाती ख़र्च से पुरा करने की ताकत‌ रखते हैं।

उन्हों ने कहा कि मुल्क में एक एसा निज़ाम बनाने की ज़रूरत है, जिस के तहत लोग‌ अपने ज़ाती खर्च‌ से हज अदा करें। इस में सब्सीडी का कोई रोल नहीं है। इस ताल्लुक़ से बेशुमार लोगों ने ये भी ख़्याल ज़ाहिर किया कि सब्सीडी के नाम पर हाजियों को कुछ हासिल नहीं होता बल्कि ये सब्सीडी दरअसल एयरलाईंस को दी जाती है जबकि सब्सीडी से फाइदा उठाने का इल्ज़ाम सिर्फ एक तबक़ा पर लग‌ता है।

सलमान ख़ुर्शीद ने यहां हज इंतिज़ामात पर हुइ कान्फ़्रैंस के मौके पर कहा कि हाजियों के लिए एक एसा निज़ाम बनाया जाना चाहीए जिस की मदद से लोग‌ अपने ख़र्च पर हज अदा करें। अपने वसाइल के ज़रीये सही क़ीमत अदा करके सफ़र मुबारक कर सकें। इस केलिए इंतिज़ामात उस जगह अंजाम देना चाहीए जहां सब्सीडी नहीं है और हज सही क़ीमत पर मुम्किन है।

लोगों ने यही कहा है और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी ख़ुतूत पर रोलिंग दी है। अदालत ने जिस तरह की तजवीज़ रखी है, लोग‌ भी इसी सिम्त में क़दम उठाना चाहते हैं।