बंदों पर फ़र्ज़ है कि वो अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त से मुहब्बत करे क्योंकि अल्लाह ताला ने इंसानों को दुनिया में वजूद बख्शा है इसके इलावा बेशुमार एहसानात-ओ-इनामात से नवाज़ा है । हम दुनिया में मुशाहिदा करते हैं कि हमारे अतराफ़-ओ-अकनाफ़ में अल्लाह ताला ने कई एक नेमतें पैदा की हैं जिससे हम इस्तेफ़ादा करते हैं इसी ग़र्ज़ से हम पर ये फ़र्ज़ है कि हम अल्लाह ताला से बेपनाह मुहब्बत करें ।
इन ख़्यालात का इज़हार साबिक़ अमीर हलक़ा जमात-ए-इस्लामी हिंद आंधरा प्रदेश-ओ-उड़ीसा जनाब मुलक मोतसिम ख़ान ने जमात-ए-इस्लामी शहर निज़ामाबाद के मर्कज़ी इजतिमा मुनाक़िदा मस्जिद रज़ा बेग पर बउनवान अल्लाह ताला किन लोगों से मुहब्बत करते हैं ख़िताब करते हुए किया ।
उन्हों ने क़ुरआन मजीद की आयात और अहादीस की रोशनी में बताया कि अल्लाह ताला अपने बंदों से किस क़दर मुहब्बत करते हैं । अल्लाह ताला ने अपने बंदों पर रहम करने को अपने लिए लाज़िम कर लिया है । यही वजह है कि हम अल्लाह ताला के रहम-ओ-करम की बदौलत बेशुमार नेअमतों से लुत्फ़ अंदोज़ होते हैं ।
अल्लाह ताला बड़ा रहमान-ओ-रहीम है । वो बंदों के बड़े बड़े गुनाह माफ़ करने वाला है । अल्लाह ताला ने मुहब्बत के 100 हिस्से
बनाए हैं जिसमें से एक हिस्सा अपनी मख़लूक़ में तक़सीम कर दिया है । जिस की वजह से तमाम ही मख़लूक़ इंसानों और जानवरों के दरमयान आपसी मुहब्बत-ओ-उलफ़त के मुज़ाहिरे देखने में आते हैं ।
जबकि अल्लाह ताला बाक़ी 99 रहमत के हिस्से अपने पास महफ़ूज़ रख लिए हैं । उन्होंने अपने सिलसिला ख़िताब को जारी रखते हुए कहा कि अल्लाह ताला ईमान वालों अमल सालिह करने वालों एहसान करने वालों तौबा करने वालों तवक्कुल करने वालों इंसाफ़ करने वालों तक़वा और परहेज़गार लोगों सब्र करने वालों और साफ़ सुथरे लोगों से मुहब्बत करते हैं ।
हदीस क़ुदसी में आया है कि अल्लाह ताला तीन लोगों से मुहब्बत करता है और तीन लोगों से मुहब्बत नहीं करता है । जिन तीन लोगों से अल्लाह ताला मुहब्बत करता है इन में अल्लाह की राह में ख़ुलूस दिल से जान क़ुर्बान करने वाले पड़ोसी के ज़ुल्म पर सब्र करने वाले और अल्लाह को याद करने वाले बंदे शामिल हैं ।
जबकि जिन तीन लोगों से अल्लाह ताला मुहब्बत नहीं करते इन में मग़रूर एहसान धरने वाला बख़ील और झूटी किस्में खा खाकर माल फ़रोख्त करने वाले अफ़राद शामिल हैं । साबिक़ अमीर हलक़ा ने बताया कि अल्लाह ताला से मुहब्बत की इंतिहा ये है कि बंदा अल्लाह ताला से मुलाक़ात की ख़ाहिश केलिए अपनी मौत के ख़ौफ़ को दिल से निकाल दे ।
उन्होंने अल्लाह ताला से मुहब्बत पैदा करने केलिए तिलावत ए कलाम की कसरत और ज़िक्र जैसी चीज़ों को अपने ऊपर लाज़िम करने का मश्वरा दिया । इजतिमा का आग़ाज़ हाफ़िज़ जुनैद हफ़ीज़ मेम्बर एस आई ओ निज़ामाबाद की तिलावत कलाम पाक से हुआ अवाम की कसीर तादाद मौजूद थी ।