वाशिंगटन :बाक्सिंग आइकन मोहम्मद अली ने, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारी के लिए सबसे हाई प्रोफाइल नाम डोनाल्ड ट्रम्प के उस ब्यान की मज़म्मत की है, जिसमें उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में दाख़िल होने के लिए मुसलमानों पर पाबन्दी आयद करने की बात कही थी |
एनबीसी और एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, साबिक़ हैवीवेट चैंपियन अली, जो एक मुस्लिम हैं, ने अपने बयान में रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रम्प का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा है |
हाल ही में हुए दहशतगर्दाना हमलों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि, “कभी भी किसी ने सियासी दुरुस्ती का इल्ज़ाम नहीं लगाया गया है, मुझे यकीन है की हमारे सियासी नेता इस्लाम मज़हब के बारे में समझ पैदा करने की कोशिश करेंगे और वाज़ेह करेंगे की इस्लाम की हक़ीक़त क्या है ,और इस्लाम के नाम पर क़त्ल करने वाले बीमार ज़हनियत के लोग हैं” |
अली, 73, ने इस बहस में हिस्सा लेते हुए इस बात पर जोर दिया सदर बराक ओबामा ने बताया था कि, मुसलमान अमेरिकी सैनिक, नागरिक और खेल के हीरो रहे हैं मुस्लिम स्पोर्ट्स हीरो ने कहा कि जबकि ट्रम्प ने इस सोच को चुनौती दी है |
अली ने अपने ब्यान में कहा कि ‘ “मैं एक मुसलमान हूँ और पेरिस ,सैन बर्नाडिनो और दुनिया में और किसी भी जगह पर मासूम लोगों के क़त्ल से इस्लाम का कोई ताल्लुक नहीं है” |
उन्होंने कहा कि “सच्चे मुसलमानों को मालूम है की नाम निहाद जिहादियों के ज़रिये किया जा रहा बेरहम तशद्दुद हमारे मज़हब के उसूलों के ख़िलाफ़ है” |
एक मुखर बाक्सिंग चैम्पियन , आलमी हैवीवेट चैम्पियनशिप का ख़िताब जीतने वाले अली को, वियतनाम से मज़हबी बुनियाद पर हुई जंग में हिस्सा लेने से इनकार करने पर उनके उरूज के दिनों में मुक्केबाजी से चार साल के लिए पाबंदी आयद कर दी गयी थी |
उन्हें मसौदा चोरी का मुल्ज़िम पाया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 1971 में उसकी सजा को रद्द कर किया दिया और उनकी इस लड़ाई ने उन्हें खेल की दुनिया से अलग एक मशहूर शख्सियत बना दिया |
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