हैदराबाद 06 अगस्त: जंग-ए-जारी रहेगी और जंग में शिद्दत पैदा होगी इस तरह अवाम की आवाज़ को दबाने के लिए ख़ौफ़ज़दा नहीं किया जा सकता। तेलंगाना राष़्ट्रा समीती और इस की हलीफ़ जमातें हुक़ूक़ की जोदजहद करने वालों को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है। चीफ़ मिनिस्टर केसीआर तेलंगाना मुख़ालिफ़ सरगर्मीयों में शामिल दलाली करने वाले रुकने पार्लियामेंट को साथ रखे हुए हैं।
लगड़ापाटी राजगोपाल के साथ मिलकर तशकील तेलंगाना में रुकावट पैदा करने वाले टीआरएस के दोस्त बने हुए हैं।
मुहम्मद ग़ौस कांग्रेसी क़ाइद-ओ-साबिक़ कॉर्पोरेटर ने चंचलगुड़ा जेल से रिहाई के बाद ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बातचीत के दौरान ये बात कही। उन्होंने बताया कि रियासत तेलंगाना में हुकूमत ने मुसलमानों से जो रिजर्वेशन का वादा किया है उसे पूरा करने तक हुकूमत के ख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद जारी रहेगी। 12 फ़ीसद रिजर्वेशन की तहरीक के अलावा दुसरे मज़लूम तबक़ात दलितों के साथ इन्साफ़ के लिए तहरीक में शिद्दत पैदा की जाएगी।
उन्होंने क़ाइद अप्पोज़ीशन तेलंगाना क़ानूनसाज़ कौंसिल मुहम्मद अली शब्बीर की तरफ से रिहाई के लिए की गई कोशिशों पर इज़हार-ए-तशक्कुर करते हुए कहा कि मुहम्मद अली शब्बीर ने आला पुलिस ओहदेदारों से रब्त क़ायम करते हुए सूरत-ए-हाल से आगही हासिल की और जेल में उनसे मुलाक़ात की।
मुहम्मद ग़ौस रिहाई के बाद सीधे दरगाह हज़रत युसुफ़ैन नामपल्ली पहुंचे और हाज़िरी देते हुए फ़ातिहा-ख़्वानी की। इस मौके पर उनके सथ ताहिर अफ़ारी मुहम्मद फ़रीद के अलावा दुसरे कांग्रेसी क़ाइदीन मौजूद थे।
मुहम्मद ग़ौस ने कहा कि उन्हें जिस मुक़द्दमा में गिरफ़्तार किया गया वो मुक़द्दमा शवाहिद की अदमे मौजूदगी की बिना पर बंद किया जा चुका है। उन्होंने मजलिसी क़ियादत को एक मर्तबा फिर सख़्त तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि मर्कज़ में बीजेपी और रियासत में टीआरएस के साथ रहते हुए मुस्लिम मसाइल खास्कर 12 फ़ीसद रिजर्वेशन के मसले पर ख़ामोश रहने वाली क़ियादत से अब अवाम जगह जगह ये सवाल करेंगे कि वो क्युं मुस्लिम रिजर्वेशन पर ख़ामोशी इख़तियार किए हुए हैं? उन्होंने गिरफ़्तारी के बाद पैदा शूदा हालात में हौसला-अफ़ज़ाई करने वालों से इज़हार-ए-तशक्कुर करते हुए कहा कि अल्लाह और इस के रसूल(स०) के अलावा औलिया-ए-अल्लाह के सदक़ा-ओ-तुफ़ैल में आज उनकी रिहाई अमल में आई है।
उन्होंने मुज़फ़्फ़र उल्लाह ख़ान शफ़ाअत वकील दिफ़ा का भी शुक्रिया अदा किया। वाज़िह रहे कि तीसरे एडिशनल मेट्रोपोलिटन सेशंस जज नामपल्ली कोर्ट ने मुहम्मद ग़ौस की ज़मानत मंज़ूर करते हुए पाँच हज़ार के दो मुचलके जमा करने पर जेल से रिहाई का हुक्म दिया था।