मुहम्मद मुर्सी ख़ाना-ए-काअबा में दौरान-ए-नमाज़ आबदीदा (रो पड़े)

मिस्री सदर (राष्ट्रपती ) डाक्टर मुहम्मद मुर्सी सऊदी अरब के दौरा के दौरान ख़ाना काअबा में नमाज़-ए-फ़ज्र में इस वक़्त फूट फूट कर रो पड़े जब इमाम ने क़ुरआन-ए-करीम की सूरा-ए-इबराहीम की एक आयत पढ़ी (तर्जुमा यूं है: और क्या तुम उन लोगों के घरों में रहते ना थे जिन्हों ने अपनी जानों पर ज़ुलम किया तो हम ने उन के साथ किया सुलूक किया और इस में (तुम्हारे समझने के लिए) मिसालें हैं) तिलावत की।

इस वक़्त डाक्टर मुर्सी एहराम में थे और इमाम की क़िरात का उन पर गहिरा असर दिखाई दे रहा था है। दौरान-ए-नमाज़ डाक्टर मुर्सी के आबदीदा होने(रो पड़ने) की वीडीयो समाजी राबते की वैब साईट्स पर बड़े पैमाने पर मक़बूल (लोकप्रिय) हो रही है। ख़ुसूसन फेसबुक, ट्वीटर और यू ट्यूब पर हज़ारों अफ़राद ने इस का तबादला किया है।

फेसबुक पर अल अरबिया डाट नैट के समाजी राबते के सफ़े पर डाक्टर मुर्सी की दौरान-ए-नमाज़ आबदीदा होने(रो पड़ने) की वीडीयो का दो घंटे में 3800 अफ़राद ने मुशाहिदा किया और 3500 अफ़राद ने इस पर पसंदीदगी का इज़हारकिया था। अल अरबिया के मुताबिक़ डाक्टर मुर्सी ने जुमा के रोज़ उमरा के मनासिक की अदायगी से क़ब्ल नमाज़-ए-फ़ज्र अदा की और इस के बाद मस्जिद हराम ही में क़ियाम किया। ।

उन्हों ने शाह अबदुल्लाह समेत हुकूमत की आला शख़्सियात (लोगों) से मुलाक़ातें की थीं। इस दौरान सऊदी अरब और वहां पर मौजूद ग़ैर मुल्की मीडीया के कैमरों ने डाक्टर मुर्सी को घेरे में रखा। उन के गाड़ी में सवार होने, उतरने हत्ता कि नमाज़ और उमरे के मनासिक की अदायगी के दौरान भी मीडीया वाले उन के तआक़ुब (पीछा करने) में रहे।