मुक़द्दमात में इज़ाफे से ग़रीब अवाम में बेचैनी

हैदराबाद 10 अप्रैल : ग़रीबों के लिए अदलिया को आसान और काबिल रसाई बनाने की ज़रूरत पर-ज़ोर देते हुए वज़ीर-ए-क़ानून डी वी सदानंद गौड़ ने कहा कि इन्साफ़ के हुसूल में ताख़ीर और शिकायात की तादाद में इज़ाफे से ग़रीबों के अंदर बेचैनी बढ़ते जा रही है।

इन्साफ़ रसानी के हुसूल में नाकामी की वजह से ग़रीब अवाम के अंदर इन्क़िलाबी जोश-ओ-जज़बा पैदा होने का अंदेशा है। इसलिए अदालती अमल को तेज़-तर बनाना ज़रूरी है। अगर क़ानूनी और अदालती निज़ाम से ग़रीब अवाम दूर होते जाएं और ग़रीब अवाम अपने हुक़ूक़ से नावाक़िफ़ हूँ तो ये निज़ाम इन्साफ़ के लिए अफ़सोसनाक बात होगी।

हम अपनी दस्तूरी ज़िम्मेदारीयों को पूरा करने में नाकाम हैं। हिन्दुस्तान जैसे मुल्क में जहां दो तिहाई क़ैदी ज़ेरे दरयाफ़त क़ैदीयों की हैसियत से महरूस हैं तो ये नाख़ुशी की बात है। इस से हमारे क़ानूनी , इमदादी निज़ाम की नाकामी साबित होती है।