रांची : मुकामी पालिसी को लेकर आदिवासी-मूलवासी अदारों की तरफ से झारखंड बंद रांची में पुर अमन रहा। पुलिस-इंतेजामिया की सख्ती का पूरा असर दिखा। रांची में छिटपुट वारदात को छोड़ बंद पुर अमन रहा।
बंद हिमाय्तों से निबटने के लिए पुलिस-इंतेजामिया ने जगह की निशान देहि करके उन्हें ज्यादा दूर तक घुमने की छूट नहीं दी। निकलते ही बंद हामियों को पुलिस ने हिरासत में लेने का सिलसिला जारी रखा। इससे बंद हामियों को फसाद करने का मौक़ा ही नहीं मिला। बंद के दौरान कुल 200 से ज्यादा बंद हामियों को हिरासत में लिया गया, जिन्हें कैंप जेल जयपाल सिंह स्टेडियम भेजा गया। शाम को सभी को छोड़ दिया गया।
बंद हामियों ने कई मुकामात पर टायर जलाकर सड़क को रोकेने की कोशिश किया। जबकि लोआडीह के नजदीक खड़ी एक बस की टायर को आग के हवाले कर दिया, जिसे इंतेजामिया की सरगर्मी से फ़ौरन बुझा दिया गया। इसके अलावा करम टोली के नजदीक एक ऑटो को बंद हामियों ने निशाना बनाया। सुबह दुकानें और बाजार बंद रहे। दिन के 2 बजे के बाद तमाम दुकानें खुल भी गई। इसी तरह शहर के सभी पेट्रोल पंप भी बंद रहे। जबकि सड़क पर गाड़ियों का आना जाना आम रहा। शहर के पेट्रोल पंप बंद रहे। वहीं, बस का चलना आम दिनों के मुकाबले में कम हुआ।