मुज़ाहिरीन ने लंदन, फ़्रैंकफ़र्ट और एम्सटर्डम में खे़मे लगा लिए

17 अक्टूबर (एजैंसीज़) बैन-उल-अक़वामी मालीयाती मंडीयों की ताक़त और सरमाया दाराना निज़ाम के ख़िलाफ़ मुज़ाहिरे करने वाले सैंकड़ों मुज़ाहिरीन ने इतवार के रोज़ पुलिस के साथ झड़पों के बाद लंदन, फ़्रैंकफ़र्ट और एम्सटर्डम में खे़मे लगा लिए हैं। इस सूरत-ए-हाल से अंदाज़ा होता है कि मुज़ाहिरीन अपने एहतिजाज को तवील-उल-मुद्दती बुनियादों पर जारी रखना चाहते हैं। इन मुज़ाहिरीन ने ये कैंप इन तीनों शहरों के मराकज़ में ऐसी जगहों पर लगाए हैं, जो इक़तिसादी सरगर्मीयों का मर्कज़ हैं। एहतिजाज का ये नया दौर हफ़्ते के रोज़ दुनिया के 80 ममालिक के 200 से ज़ाइद शहरों में वाल स्टरीट पर क़बज़ा करो नामी तहरीक के सिलसिले में किए जाने वाले मुज़ाहिरों के एक रोज़ बाद शुरू हुआ। गुज़श्ता रोज़ दुनिया भर में लाखों अफ़राद ने बैंकों और दीगर बैन-उल-अक़वामी मालीयाती इदारों की बढ़ती हुई ताक़त और सरमाये के इर्तिकाज़ के ख़िलाफ़ मुज़ाहिरे किए थे। मुज़ाहिरीन की जानिब से लंदन में एहितजाजी कैंप सेंट पाल कीथीडरल के सामने बनाया गया है, जो लंदन स्टाक मार्कीट से चंद ही मीटर की दूरी पर है। इस कैंप में तक़रीबाआ 70 खे़मे दिखाई दे रहे हैं जबकि मुज़ाहिरीन का कहना है कि वो यहां ग़ैर मुअय्यना मुद्दत तक ठहरने का इरादा रखते हैं। जर्मन शहर फ़्रैंकफ़र्ट में 200 अफ़राद योरपी मर्कज़ी बैंक की इमारत के बाहर ख़ेमा ज़न हैं। ये बैंक पहले ही यूरोज़ोन के बोहरान की वजह से सख़्त दबाओ का शिकार है। इतवार के रोज़ अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के सैक्रेटरी जनरल बाण की मून ने अपने एक ब्यान में बैन-उल-अक़वामी रहनुमाओं पर ज़ोर दिया कि वो मुज़ाहिरीन के पैग़ाम को समझने की कोशिश करें। हफ़्ते के रोज़ न्यूयार्क में भी मुज़ाहिरीन और पुलिस अहलकारों के दरमयान झड़पें हुईं और पुलिस ने 92 मुज़ाहिरीन को गिरफ़्तार किया जबकि इतालवी शहर रुम में होने वाले मुज़ाहिरों में 135 अफ़राद ज़ख़मी हुए, जिन में से ज़्यादा तर पुलिस अहलकार थे। रुम में 12 मुज़ाहिरीन को हिरासत में भी ले लिया गया। इतवार को अमरीकी शहर शिकागो में भी पुलिस ने एक एहितजाजी कैंप ज़बरदस्ती ख़तम कराते हुए 175 अफ़राद को गिरफ़्तार कर लिया ।