मुक़ामी अदालत ने मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादात के दौरान एक शख़्स को हलाक करने की तीन मुल्ज़िमीन की दर्ख़ास्त ज़मानत रद करदी।
डिस्ट्रिक्ट सेशन जज विजय लक्ष्मी ने मुल्ज़िमीन कपिल, सिम्त और नीतू की दर्ख़ास्त ज़मानत को रद करते हुए कहा कि इस मुक़द्दमा में उन्हें ज़मानत नहीं दी जा सकती। मुज़फ़्फ़रनगर में 9 सितंबर 2013 को एक शख़्स रऊफ उद्दीन हलाक और उनके रिश्तेदार भाई अरशद उस वक़्त शदीद ज़ख़मी होगए जब मुबय्यना तौर पर फ़सादियों ने उन पर हमला कर दिया।
वो मोटर बाईक पर जा रहे थे और उन्होंने मकन्द पुर गांव के क़रीब पनाह ली थी। मुज़फ़्फ़रनगर और अतराफ़-ओ-अकनाफ़ के इलाक़ों में गुजिश्ता साल फ़सादात में 60 से ज़ाइद अफ़राद हलाक और हज़ारों बेघर होगए।