फ़रीदकोट, 09 जनवरी ( एजेंसी) मूली एक ऐसी तरकारी है जिसे सलाद का अहम हिस्सा तसव्वुर किया जाता है । ज़ायक़ा में हल्की तुर्श लेकिन कभी कभी मीठी मूली खाने के बेहद फ़वाइद बताए गए हैं । मूली के पत्तों के साथ अगर इसका इस्तेमाल किया जाये तो इसके फ़वाइद से दोगुना इस्तेफ़ादा किया जा सकता है ।
मूली के हरे पत्ते विटामिंस का ख़ज़ाना है । कुछ लोग तो सिर्फ़ मूली के पत्ते ही सलाद के तौर पर इस्तेमाल करते हैं । ख़ुसूसी तौर पर कबाब और गोश्त के दीगर आइटम्स के साथ इज़ाफ़ा के तौर पर मूली के पत्ते और पुदीने के पत्तों का इस्तेमाल आम है । मूली सफ़ेद रंग की होती है ।
इसका सालन भी बनाया जाता है लेकिन ये ज़्यादा मक़बूल नहीं । कुछ ही इलाक़े ऐसे हैं जहां मूली का सालन बनाने का चलन आम है । जिस तरह प्याज़ के बारे में कहा जाता है तो अगर इसमें बदबू ना होती तो वो सोने की क़ीमत पर फ़रोख़्त होती । यही बात मूली पर भी सादिक़ आती है ।मूली को अगर पकाया जाये तो इसमें से एक नाख़ुशगवार बू फूटती है जो यक़ीनन पसंदीदा नहीं होती लेकिन बतौर सलाद उसकी इफ़ादीयत से इनकार नहीं किया जा सकता ।
मूली का तुर्श होना ही दरअसल इसकी ख़ूबी है । ग़िज़ा को हज़म करने में भी इसका अहम रोल होता है । जिस तरह फलों में अमरूद (जाम) को ये इम्तियाज़ हासिल है कि ये ठोस से ठोस ग़िज़ा को भी हज़म कर देता है । यही बात तरकारी में मूली के बारे में कही जा सकती है ।
अलबत्ता मूली के इस्तेमाल से क़बल उसे धो लेना ज़्यादा बेहतर है क्योंकि बाज़ार में ख़रीदारी के वक़्त ये कई लोगों के हाथों में आती है । लिहाज़ा जरासीम या बैक्ट्रिया ( Bacteria) से पाक मूली के लिए उस को धो लेना बेहतर है । इंसानी सेहत पर मूली के मुसबत असरात मुरत्तिब होते हैं ।