किसी भी मुल्क, रियासत और शहर के लिए इसका ट्रांसपोर्ट निज़ाम रीढ़ की हड्डी की हैसियत रखता है। मुंबई और कोलकता का ट्रांसपोर्ट निज़ाम की ना सिर्फ हिंदूस्तान बल्कि बैरूनी ममालिक में भी सताइश की जाती है, लेकिन इस के बावजूद हुकूमत मग़रिबी बंगाल जारीया साल सितंबर तक मज़ीद मूसिर और मआशी तौर पर कम मसारिफ़ वाले ट्रांसपोर्ट निज़ाम को मुतआरिफ़ करने की ख़ाहां है जिसके लिए ट्रांसपोर्ट शोबा से वाबस्ता ऐसे मुअम्मर अफ़राद जो रज़ाकाराना सुबकदोशी के लिए तैयार हों और जिस्मानी तौर पर माज़ूर मुलाज़मीन को भी रिटायरमेंट लेने का मश्वरा देने पर ग़ौर किया जा रहा है।
रियास्ती वज़ीर बराए ट्रांसपोर्ट मुदुन मित्रा ने पी टी आई को बताया कि ग़ैर मूसिर अफ़रादी क़ुव्वत से नजात हासिल की जाएगी ताकि ट्रांसपोर्ट निज़ाम पर कोई गै़रज़रूरी मुलाज़िम बोझ ना बन सके। मुम्किन हो सके तो ऐसे मुलाज़मीन जो जिस्मानी तौर पर डयूटी अंजाम देने के मौक़िफ़ में नहीं। इन की जगह पर कौंट्रैक्ट मुलाज़मीन की तक़र्रुरी भी की जा सकती है।