मूसीक़ी ( संगीत) मेरी अव्वलीन तर्जीह : लक्की अली

मुंबई, ०३ अक्टूबर ( एजैंसीज़) गुलूकार लक्की अली ने कहा कि फ़िल्म कहो ना प्यार है में उनके गाय हुए गीतों को जो मक़बूलियत मिली इसके लिए मूसीक़ार राजेश रोशन ज़िम्मेदार हैं । दरअसल गानों की धुनें इतनी प्यारी थीं कि इन का हिट होना लाज़िमी था । लक्की अली ने कहा कि उन्होंने सुर नामी फ़िल्म मूसीक़ी को ही कहानी का हिस्सा बनाया था लेकिन फ़िल्म ने मुतवक़्क़े कामयाबी हासिल नहीं की ।

उन्होंने कहा कि कुछ अर्सा क़बल उन्होंने हैदराबाद का दौरा किया था जहां उन की ज़बरदस्त पज़ीराई की गई । उन से जब ये पूछा गया कि फ़िल्म सुर और कांटे जिस में उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ किया था के बाद उन्होंने फ़िल्मी कैरीयर पर ज़ाइद तवज्जा क्यों नहीं दी तो उन्होंने कहा कि मूसीक़ी उन की अव्वलीन तर्जीह है ।

मेरे मरहूम वालिद ऐक्टर महमूद और मेरे दादा मुमताज़ अली बेहतरीन रक्कास थे और उन्हें मूसीक़ी से भी इंतिहाई रग़बत थी । अपने वालिद के साथ वो अकसर फिल्मों की शूटिंग पर जाया करते थे । फ़िल्मी शायक़ीन को याद होगा कि महमूद साहिब ने कई फिल्मों में बेहतरीन डांस का भी मुज़ाहरा किया है । ये पूछे जाने पर कि उन्हें अपने वालिद की कौन सी फिल्में पसंद हैं तो उन्हों ने कहा कि फिल्में तो तक़रीबन सभी अच्छी थीं लेकिन कुँवारा बाप देख कर वो आबदीदा ( आँखो मे आंसू आ जाना) हो गए थे ।