मेक इन इंडिया: चड्डी और बनियान तक के लिए भारतीय सेना विदेशों पर मोहताज।

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एक तरफ देश जहाँ मेक इन इंडिया के नारे की कामयाबी की बातें कर रहा है वहीँ इसका असल चेहरा इस बात से ही सामने आ रहा है कि देश की सेना आज भी जूतों, टोपी, चड्डी और बनियान जैसी जरूरी चीजों के लिए भी दूसरे देशों का मुंह ताक रही है। आप को बता दें की भारतीय सेना में 38000 से ज़्यादा अफसर और 11.38 लाख से ज़्यादा सैनिक काम करते हैं।

गौरतलब है की 20 दिसंबर,2014 में संसद की रक्षा मामलों की कमेटी ने लोकसभा में रिपोर्ट पेश कर टैंकों, गोला-बारूद, बुलेट प्रूफ जैकेटों और नाईट विज़न उपकरणों की कमी के बारे में चिंता जाहिर की थी। इन जरूरतों के लिए तो भारत काफी हद तक दूसरे देशों पर निर्भर है ही लेकिन देश के सब से मुश्किल और सेंसिटिव इलाके सियाचिन, द्रास सेक्टर और कारगिल जैसे इलाके में तैनात सैनिकों को ठण्ड से बचाने के लिए जरुरत के कपड़े और अन्य मामूली साजो सामान के लिए भी दूसरे देशों का मुँह ताकता है।