अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बगावत का सामना करने के बाद कांग्रेस के सामने अब मेघालय में चुनौती आ खड़ी हुई है। कांग्रेस के कुछ विधायक और मंत्री मुख्यमंत्री मुकुल संगमा को हटाने की मांग कर रहे हैं। असंतुष्ट विधायकों का आरोप है कि संगमा तानाशाह के रूप में काम कर रहे हैं और बिना पूछे फैसले ले रहे हैं। हाल ही में तुरा लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद मामला और गंभीर हो गया। इस उपचुनाव में मुकुल संगमा की पत्नी दिकांची डी शिरा कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरी थीं। लेकिन उन्हें पूर्व लोकसभा स्पीकर पीएम संगमा के बेटे कोनराड के संगमा ने 1.92 लाख वोटों से हरा दिया। राज्य में यह जीत का सबसे बड़ा अंतर है।
अरुणाचल प्रदेश में सत्ता गंवाने और उत्तराखंड में बाल-बाल बचने के बाद अब कांग्रेस मेघालय के मामले को गंभीरता से ले रही है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान ने बगावत को लेकर गंभीर है। उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने असंतुष्ट विधायकों से मिलने को कहा है और पार्टी का मानना है कि मंत्रीमंडल में फेरबदल से मामला सुलझ जाएगा। सीएम मुकुल संगमा ने इस बारे में बताया, यह अंदरूनी मामला है। हमारे अंदरूनी तंत्र के तहत इन परिस्थितियों का सामना करने की प्रक्रिया मौजूद है। भाजपा यहां पर भी मौका तलाश रही है। इसके चलते कांग्रेस के लिए खतरा और बढ़ गया है।