मेघालय के राज्यपाल वी षण्मुगनाथन ने यौन उत्पीडऩ के आरोपों के बाद दिया इस्तीफा

यौन उत्पीडऩ के आरोपों का सामना कर रहे मेघालय के राज्यपाल वी षण्मुगनाथन ने आज रात इस्तीफा दे दिया। दरअसल राजभवन के कर्मियों के एक समूह ने उन पर राज्यपाल के कार्यालय की गरिमा से ‘‘गंभीर समझौता’’ करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाए जाने की मांग की थी जिसके बाद राज्यपाल ने इस्तीफा दिया।

इससे पहले सीएम मुकुल संगमा ने कहा था कि वह षण्मुगनाथन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। राजभवन के करीब 100 कर्मियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर राज्यपाल को हटाने और राजभवन की गरिमा बहाल करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की थी।

कर्मियों ने आरोप लगाया था कि षण्मुगनाथन ने राजभवन की गरिमा से ‘‘गंभीर समझौता’’ किया है और उन्होंने इसे ‘‘युवतियों का क्लब’’ बना दिया है। उन्होंने कहा था, ‘‘यह एक एेसा स्थान बन गया है जहां राज्यपाल के प्रत्यक्ष आदेश से युवतियां अपनी मर्जी से आती-जाती हैकई की पहुंच सीधे उनके शयन कक्ष तक है।’’ मई 2015 में मेघालय के राज्यपाल के रूप में शपथ लेने वाले षण्मुगनाथन ने आज अरुणाचल प्रदेश में गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया था।

ज्योति प्रसाद राजखोवा को हटाए जाने के बाद पिछले साल नवंबर में उन्हें अरुणाचल प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। इस बीच महिला कार्यकर्ताओंं ने राज्यपाल को हटाने की मांग करते हुए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था। नौकरी पाने की प्रत्याशी एक महिला ने भी राज्यपाल पर आरोप लगाया था कि वह जब राजभवन में साक्षात्कार देने आई थी तो राज्यपाल ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया था।