मेजर गगोई के खिलाफ FIR दर्ज न किए जाने के कारणों पर स्पष्टीकरण के साथ पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब!

नगर के एक होटल में स्थानीय युवती के साथ मेजर लीतुल गोगोई के पकड़े जाने से संबंधित मामले पर स्थानीय अदालत ने शनिवार को पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। मामले की अगली सुनवाई 30 मई को होगी।

एक स्थानीय मानवाधिकार संगठन की याचिका का संज्ञान लेते हुए सीजेएम श्रीनगर ने एसएसपी श्रीनगर, एसपी नॉर्थ श्रीनगर और थाना प्रभारी खनयार को अदालत मे पेश होकर पक्ष रखने को कहा है। मेजर व उसके साथी के खिलाफ एफआइआर दर्ज न किए जाने के कारणों पर स्पष्टीकरण के साथ पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।

इंटरनेशनल फोरम फॉर जस्टिस एंड ह्यूमन राइट्स के चेयरमैन मोहम्मद अहसन उंतु ने मेजर के खिलाफ कार्रवाई और पूरे मामले की छानबीन के लिए एक याचिका दायर की है।

चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट श्रीनगर ने इसी याचिका का संज्ञान लेते हुए पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। उंतु ने याचिका में कहा कि मेजर के आचरण ने आम कश्मीरियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।

मेजर गलत नीयत के तहत ही युवती को होटल में लेकर गया था। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसने आरोपी मेजर व उसके साथी को बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया। ऐसा लगता है कि पुलिस मामले की छानबीन करने को इच्छुक नहीं है। यह मामला बहुत गंभीर है, इसकी जांच होनी चाहिए।

विदित हो कि बडगाम जिले के बीरवाह स्थित सेना की 53 आरआर (राष्ट्रीय राइफल्स) के मेजर लीतुल गोगोई को एक युवती व समीर मल्ला नामक एक सैन्यकर्मी संग बुधवार को श्रीनगर के एक होटल से पुलिस ने हिरासत में लिया था।

पुलिस ने बयान दर्ज करने के बाद तीनों को छोड़ दिया था। मामला तूल पकड़ने पर सैन्य प्रशासन ने मेजर गोगोई के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी है।