मेजर गोगोई मामले में कोर्ट का आदेश, 30 मई तक मांगी स्टेटस रिपोर्ट

श्रीनगर में एक होटल के बाहर लड़की के साथ हिरासत में लिए गए मेजर लीतुल गोगोई के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस से एक सप्ताह के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

इंटरनेशनल फोरम फॉर जस्टिस एंड ह्यूमन राइट्स, जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष मोहम्मद अहसान उंटू ने मेजर गोगोई के मामले में पुलिस की भूमिका को लेकर कोर्ट में आवेदन दिया था. इस आवेदन पर सुनवाई करते हुए सीजेएम श्रीनगर ने खानयार पुलिस स्टेशन को 30 मई तक केस की स्टेटस रिपोर्ट मुख्य अभियोजन अधिकारी श्रीनगर के जरिए जमा कराने को कहा है.

सेना ने इस मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए हैं. वहीं सेना प्रमुख ने भी इस मामले में सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि अगर मेजर दोषी पाए गए तो उन्हें ऐसी सजा दी जाएगी जो एक नजीर बन जाएगी. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की कार्रवाई शुरू होने के बाद अब मेजर गोगोई के पूरे मामले की जांच सेना खुद कर रही है.

23 मई को भारतीय सेना के मेजर लीतुल गोगोई श्रीनगर के होटल ग्रैंड ममता में बडगाम की लड़की के साथ हिरासत में लिए गए थे. मेजर गोगोई कथित तौर पर स्थानीय लड़की के साथ होटल में चेक-इन करना चाहते थे. इसी बात को लेकर विवाद हुआ और होटल प्रबंधन ने पुलिस बुला ली थी.

पुलिस ने मेजर गोगोई और लड़की को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था. आईजीपी ने इस मामले की जांच श्रीनगर जोन के एसपी सज्जाद शाह को सौंपी थी, जबकि गोगोई को सेना की बड़गाम यूनिट के पास वापस भेज दिया गया था.

हिरासत में लिए जाने के बाद लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया कि मेजर गोगोई से वह फेसबुक के जरिए मिली थी. मेजर ने आदिल अदनान के नाम से फेक आईडी बनाकर लड़की से बात की थी. हालांकि बाद में दोनों में दोस्ती हो गई. मेजर गोगोई कश्मीर में ह्यूमन शील्ड से चर्चा में आए थे. उनके इस फैसले की काफी आलोचना भी हुई थी.