नई दिल्ली: सरकार ने मेट्रो शहरों में विकास और जल निकासी, पेयजल, सार्वजनिक परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली की आपूर्ति जैसी सुविधाएं बढ़ाने के लिए संपत्ति टैक्स में वृद्धि करने का प्रस्ताव पेश है वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18में कहा गया है कि मेट्रो शहरों के स्तर पर संपत्ति टैक्स से अतिरिक्त राजस्व प्राप्त किया जा सकता है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि शहरी स्थानीय इकाइयों की मूल जिम्मेदारी शहरों के विकास और सेवा प्रदान करना है लेकिन यह बड़े बुनियादी ढांचे की कमी, अपर्याप्त कोष और खराब शासन जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। प्रत्येक मेट्रो शहर में पानी, बिजली की आपूर्ति, सजा कचरे की व्यवस्था, सार्वजनिक परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और प्रदूषण की समस्या से संबंधित चुनौतियों का सामना कर रहा है सर्वे के अनुसार बेहतर सर्विस, आपूर्ति और संसाधन, राजस्व प्राप्त करना, कर्मचारियों की संख्या , प्रति व्यक्ति खर्च के बीच गहरा संबंध है।