मेनका गांधी ने आरंभ किया कामकाज़ी महिलाओं के लिए यौन उत्पीड़न की शिकायत करने के लिए ऑनलाईन बॉक्स

केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न संबंधी शिकायतों को आनलाइन दर्ज कराने के लिए आज आनलाइन शिकायत प्रबंधन प्रणाली ‘‘एसएचई बाक्स’’,यौन उत्पीड़न इलेक्ट्रानिक बाक्स शुरू किया। उन्होंने कहा कि शिकायत दर्ज होने के दिन से ही उस पर कार्रवाई शुरू होगी।

‘‘एसएचई बाक्स’’ महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर होगा।

मेनका ने संवाददाताओं को बताया कि उनके मंत्रालय के तहत एक प्रकोष्ठ आनलाइन दर्ज करवाई गयी प्रत्येक शिकायत को देखेगा। वह इसे संबद्ध संगठन की आतंरिक शिकायत समिति के साथ साझा करेगा। कानून के तहत ऐसी समिति बनाना अनिवार्य है।

शिकायतकर्ता इस समिति द्वारा की जारी जांच की स्थिति पर भी नजर रख सकेगी।

उन्होंने कहा कि अभी तक मंत्रालय ने सरकारी महिला कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की आनलाइन शिकायत दर्ज करवाने के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की थी। इस पर मंत्रालय को 346 शिकायतें मिलीं।

मेनका ने कहा कि उनका मंत्रालय शिकायत मिलने के दिन से ही उस पर कार्रवाई करने लगता है। उन्होंने कहा कि इन शिकायतों पर कार्रवाई के लिए स्थानीय पुलिस तथा गृह मंत्रालय सहित अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ समन्वय किया जाता है।

उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे अपनी वास्तविक समस्याओं की आनलाइन शिकायत अवश्य करायें। किन्तु वे इसका उपयोग किसी ‘‘हल्की शिकायत’’ के लिए नहीं करें। उन्होंने कहा कि ‘‘हल्की शिकायत’’ करने से इसका उद्देश्य ही विफल हो जाता है।

मेनका ने बताया कि उनके मंत्रालय ने पहले भी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक वेब पेज शुरू किया था जिसका विस्तार अब निजी क्षेत्र के लिए भी किया गया है।

एसएचई बाक्स का इस्तेमाल करने वालों के पास पोर्टल के जरिये महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों से संवाद करने का विकल्प होगा। उन्हें निश्चत समयावधि में जवाब दिया जायेगा।

इस पोर्टल में उन 112 संगठनों की जानकारी भी दी गयी है जिन्हें महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न मुद्दे पर कार्रवाई के लिए प्रशिक्षण: कार्यशाला चलाने के लिए सूचीबद्ध कर रखा है।

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कानून 2013 के तहत 10 या अधिक कर्मचारी वाले किसी भी संगठन के लिए आतंरिक शिकायत समिति का गठन करना अनिवार्य है जो यौन उत्पीड़न संबंधी शिकायतों का निस्तारण कर सके।