मेयर अफजल इमाम जायेंगे या रहेंगे, फैसला आज

जुमेरात को अदम एतमाद तहरीक की खुसुसि बैठक से पहले बुध को ओपोजीशन और फरी अपनी-अपनी पॉलिसी बनाने में जुटे रहे। ओपोजीशन पार्षद विनय कुमार पप्पू के घर और दफ्तर में दिन-भर जुटे रहे, तो इक्तिदार के पार्षद कृष्ण मुरारी यादव के घर पर जमे रहे और पॉलिसी बनाते रहे।

मेयर के मुखालिफत में 39 पार्षद होने के बावजूद मुखालिफत पार्षद इक्तिदार हक़ के पार्षदों को तोड़ने को लेकर दिन भर फोन से राब्ता किया, जबकि इक्तिदार हक़ में 33 पार्षद खड़े हैं और दस्तखत करनेवाले दस पार्षद मेयर के साथ खड़े हो गये हैं। मुखालिफीन पार्षद के हिमायत में डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता समेत छह पार्षद खड़े हो गये। इससे मुखालिफत खेमा में 39 वार्ड पार्षद होने के बावजूद मेयर अफजल इमाम ने पांचवें दिन यानी 26 जून को अदम एतमाद तहरीक पर खुसुसि बैठक की तारीख मुकर्रर कर दी।

2012 में हुआ था मेयर का इंतिख़ाब : मई 2012 में वार्ड पार्षदों की इंतिखाबी अमल पूरी की गयी। वार्ड पार्षद इंतिख़ाब के बाद 10 जून, 2012 को मेयर और डिप्टी मेयर का इंतिख़ाब हुआ था, जिसमें मेयर अफजल इमाम को 42 पार्षद के हिमायत मिला और मेयर ओहदे के लिए चुने गये। वहीं डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता को भी 42 पार्षदों के हिमायत मिला था।

इन मुद्दों को लेकर लाया अदम एतमाद तहरीक

बाकायदा बोर्ड की बैठक में आनाकानी करना और मुनक्कीद बैठक में गलत अलफाज का इस्तेमाल करना।

हुकूमत की तरफ से मुताला जाबते को ज़ाती मुफाद के लिए महीनों तक लागू नहीं होने देना।

नुरूम के तहत ठोस कचरा इंतेजाम मंसूबा को ज़ाती मुफाद के लिए लागू नहीं होने देना।

बैठक की कार्यवाही में छेड़छाड़ करना

तरक़्क़ी मंसूबों को पूरा नहीं होने देने की आपकी साजिश

कॉर्पोरेशन हल्के में पीने के पानी की मसायल पर ध्यान नहीं देना।

गंदी बस्ती तरक़्क़ी मंसूबा को पूरा नहीं होने देना।

ओपोजीशन के इल्ज़ाम पर मेयर बोले

मेयर अफजल इमाम कहते हैं कि दो सालों तक इल्ज़ाम ही लगाते रहे हैं। इल्ज़ाम को प्रूफ भी करना चाहिए, लेकिन कभी दलील हम अहंगी इल्ज़ाम नहीं लगाया है। गुजिशता दो सालों की बोर्ड की बैठक और मुस्तकबिल कमेटी की बैठक की कार्यवाही गवाह है, कितनी मंसूबों को मंजूरी दी गयी। बोर्ड का काम है मंसूबा को मंजूर करना। मंजूरी मंसूबा पूरी नहीं हो रही है, तो बोर्ड की बैठक में शहर कमिश्नर या कॉर्पोरेशन इंतेजामिया से सवाल क्यों नहीं किया गया। अवामी मुफाद की मंसूबा पर कभी सवाल नहीं किया गया, तो यक़ीनी तौर पर ओपोजीशन अपनी गलती छुपाने के लिए हम पर बेबुनियाद इल्ज़ाम लगा रहे हैं।